Delhi Election/Chunav Results 2020: विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की बंपर जीत से यह तो तय हो ही गया कि दिल्ली के युवा ने शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर मतदान किया। ‘आप’ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किए युवा ने उस पर अपनी मोहर लगाई है। युवाओं को उम्मीद है कि केजरीवाल की नई सरकार अगले पांच सालों में रोजगार के मुद्दे पर भी काम करेगी और उन्हें नौकरी मिलेगी। दिल्ली में करीब 60 फीसद जनसंख्या युवाओं की है।
आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में शिक्षा को एक बड़ा मुद्दा बनाया था जो युवाओं से सीधा जुड़ता है। केजरीवाल की ओर से बताया गया था कि उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में न सिर्फ 22 हजार कमरे तैयार किए बल्कि कुछ स्कूलों को मॉडल की तरह विकसित किया। इसके अलावा कुछ स्कूलों में तरणताल से लेकर खेल के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान बनाए।
इसके अलावा कोचिंग की योजना हो या सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा शुल्क को माफ करने का मामला हो, इन सभी से युवाओं को फायदा पहुंचा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी केजरीवाल सरकार ने काफी काम किया है। इसमें दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में सीटें बढ़ाना हो या उसका पूर्वी परिसर शुरू करना हो।
आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली (एयूडी) के कर्मपुरा और लोधी रोड परिसरों की शुरुआत की जबकि धीरपुर में एक बड़े परिसर के लिए भी काम शुरू हुआ। इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइआइटी) दिल्ली में नए छात्रावासों का निर्माण कराया। नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा भी केजरीवाल सरकार ने ही दिलवाया। इस फैसले से संस्थान में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को फायदा हुआ। इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने अपने विश्वविद्यालयों और स्कूलों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। इसके तहत जो विश्वविद्यालय शोध के माध्यम से जितनी राशि जुटाता है, सरकार की ओर से उतनी ही राशि विश्वविद्यालय को दी जाती है।
प्रचार के दौरान और मतदान के दिन जब जनसत्ता ने कुछ युवाओं से बात की थी तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वे शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर ही मतदान करेंगे। केजरीवाल युवाओं को यह समझाने में सफल रहे कि इन दोनों मुद्दों पर यदि कोई पार्टी काम कर सकती है तो वो आम आदमी पार्टी ही है। युवाओं ने भी उनके आवश्वासनों और वादों को हाथों हाथ लिया।

