Delhi Election BJP Strategy: दिल्ली चुनाव को लेकर इस बार बीजेपी एक अलग ही रणनीति पर काम कर रही है, बल्कि कहना चाहिए कि एमपी फॉर्मूले के तहत अरविंद केजरीवाल को सत्ता से बेदखल करने की तैयारी कर रही है। अब कहने को यह बीजेपी की सबसे बड़ी कमजोरी भी हो सकती है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी ने अपनी खामियों को दूर करते हुए इस बार एक फुल-प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है।
बिना सीएम चेहरे के बीजेपी?
असल में ऐसी खबरें चल पड़ी हैं कि बीजेपी दिल्ली में एक बार फिर कोई सीएम उम्मीदवार पहले से घोषित नहीं करने वाली है। वो एक बार फिर पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर रही चुनाव लड़ने की तैयारी में है। असल में यह वो रणनीति है जो इससे पहले बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में काम कर चुकी है। इस रणनीति की वजह से ही बीजेपी खेमे में कई कार्यकर्ता अपने ही नेता को सीएम के रूप में देखते हैं और जमीन पर खूब मेहनत करते हैं।
फॉर्मूला पुराना, कारगर कितना?
उस मेहनत का फायदा यह रहता है कि बीजेपी का वोटर पोलिंग बूथ तक जाता भी है और कमल के निशान को वोट भी देकर आता है। कहने को दिल्ली में 2020 में बीजेपी ने कोई सीएम फेस घोषित नहीं किया था, लेकिन फिर भी उसे हार ही मिली। जानकार मानते हैं कि उस चुनाव में स्थिति पूरी तरह अलग थी, तब बीजेपी के हिंदुत्व के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने सॉफ्ट हिंदुत्व खेला था। तब उन्होंने खुद को बीजेपी के हर मुद्दे से दूर कर लिया था, फिर चाहे वो शाहीन बाग हो, रोहिंग्या हो या फिर कोई और। इसी वजह से उस चुनाव में आप को इतनी बड़ी सफलता मिली थी।
भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे बड़ा हथियार?
लेकिन इस बार बीजेपी का मानना है कि उसके पास एक तरफ पीएम मोदी का लोकप्रिय चेहरा है, दूसरी तरफ पार्टी के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ निशाना साधने के लिए कई मुद्दे भी हैं। यहां भी सबसे बड़े मुद्दे के रूप में पार्टी भ्रष्टाचार को उठाने वाली है। 2020 के चुनाव में तो सबूतों का आभाव था, सभी आरोप नेरेटिव ज्यादा दिखाई पड़ रहे थे, लेकिन इस बार कुछ हद तक वास्तविकता का अमलीजामा भी देखने को मिल रहा है।
मोदी कितना बड़ा फैक्टर?
ऐसा इसलिए क्योंकि अरविंद केजरीवाल जेल गए, यह एक तथ्य हैं, उन्हें अपनी मुख्यमंत्री कुर्सी छोड़नी पड़ी, यह दूसरा तथ्य है। इसी वजह से बीजेपी को लग रहा है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा आम आदमी पार्टी के खिलाफ जरूर काम कर जाएगा। इसके ऊपर जिस तरह से अरविंद केजरीवाल खुद को कट्टर ईमानदार बताते हैं, कुछ वैसी ही छवि पीएम मोदी ने अपनी भी बना रखी है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त रवैया रखने वाला तमगा तो उन्हें भी दिया गया है। ऐसे में बीजेपी उस छवि को फायदा जरूर उठाना चाहेगी।
बीजेपी की पहली लिस्ट कब?
अभी के लिए खबर यह है कि बीजेपी दिसंबर अंत तक अपनी उम्मीदवारो की पहली सूची जारी कर सकती है। बताया जा रहा है कि हर सीट के लिए तीन से चार संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है, फिर वहां भी छटनी की प्रक्रिया शुरू होगी और सबसे योग्य प्रत्याशी को ही चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। बीजेपी को लगता है कि इस बार दिल्ली में उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर होगा। दिल्ली चुनाव से जुड़ी और सियासी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें