राजधानी के कई इलाकों में दिन व दिन डेंगू का कहर लागातार बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को दिल्ली में डेंगू से एक और मासूम की मौत हो गई। मामला श्रीनिवासपुरी के रहने वाले 6 साल का अमन का है, जो पिछले कई दिनों से डेंगू से पीड़ित था। गौरतलब है कि इससे पहले लाडोसराय के रहने वाले 7 साल के बच्चे अविनाश की मौत का मामला भी सामने आया था। अविनाश के साथ उनके मां-बाप ने भी आत्महत्या कर ली थी।
आए दिन बढ़ती जा रही डेंगू के मरीजों की संख्या को कम करने के लिए एम्स और सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू से पीड़ित मरीजों को बकरी का दूध और पपीते के पत्ते का जूस सबसे ज्यादा फायदा करेगा। इसके इस्तेमाल से बल्ड प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं, जो कि डेंगू रोग लगते ही शरीर से कम होने लगती हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दो हफ्ते के दौरान डेंगू के पीड़ित मरीजों से की गई बातचीत के मुताबिक दिल्ली में इन दिनों बकरी के दूध और पपीते के पत्ते के दाम आसमान छू रहे हैं। बकरी के दूध का एक ग्लास 800 रुपए का और पपीते का एक पत्ता 500 रुपए तक मिल रहा है। जबकि सितंबर के शुरू में इसकी कीमत 500 रुपए और 200 थी।
वहीं सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली में डेंगू से अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, मीडिया में यह आंकड़ा 15 बताया जा रहा है। उधर, एनडीएमसी ने डेंगू के मच्छर को पनपने देने के लिए राष्ट्रपति भवन सहित गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किए जाने और चालान काटे जाने की जानकारी दी है।
डेंगू के बढ़ते मामलों से दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। मीटिंग में डेंगू की बढ़ती समस्या को लेकर असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाए जाने पर चर्चा हो सकती है। मंगलवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी जीटीबी हॉस्पिटल, डॉ. हेडेगेवार आरोग्य अस्पताल की सरप्राइज विजिट की।
उन्होंने कहा कि हम अस्पतालों में ज्यादा बेड और अस्पतालों के आसपास जगह का इंतजाम कर रहे हैं ताकि मरीजों का इलाज हो सके। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने माना कि दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तर की कमी है। उन्होंने कहा कि पहले क़ानून बदला जाना चाहिए। साथ ही कहा कि 10,000 बेड और बढ़ाए जाएंगे।
पहली क्लास में पढ़ने वाले अमन की तबीयत स्कूल में ही बिगड़ गई जिसके बाद उसे श्रीनिवासपुरी के गोदरेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां उसका डेंगू पॉजिटिव पाया गया. अमन के माता–पिता उसे सफदरजंग हॉस्पिटल लेकर गए वहां उन्हें बताया गया कि बच्चे को डेंगू नहीं है।
इसके बाद भी जब अमन की हालत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने उसे जीवन अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे की हालत सुधरते न देख तीन बाद जीवन अस्पताल ने भी माता-पिता को अमन को कहीं और ले जाने को कह दिया। आखिर में अमन को होली फैमिली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया जहां 12 घंटे के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई।