Bhim Army, Chandrashekhar Azad, AIIMS: तिहाड़ जेल में बंद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज मुहैया कराने केे लिए दिल्ली की एक अदालत ने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह व्यक्ति के जीवन को संरक्षित (बचाए) करे, चाहे कोई व्यक्ति जेल के अंदर हो या जेल के बाहर। बता दें कि आजाद Polycythemia नामक बीमारी से पीड़ित हैं।

कोर्ट ने दिया निर्देश: मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेटअरुण वर्मा गुरुवार को भीम आर्मी चीफ के वकीलों की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। जिन्होंने दावा किया था कि आजाद को दिल का दौरा पड़ने का खतरा है। अपने वकीलों के माध्यम से, आजाद ने तत्काल चिकित्सा उपचार की मांग करते हुए एक दलील दी कि वह ‘पॉलीसिथेमिया’ से पीड़ित हैं और उनको एम्स के एक डॉक्टर से लगातार जांच की आवश्यकता है।

कार्डियक अटैक का खतरा: आजाद के सहयोगी महमूद प्राचा और एमएस आर्य ने बुधवार को अदालत को बताया कि उनका इलाज लंबे समय से चल रहा है और उन्हें दिन-प्रतिदिन के चेक-अप की आवश्यकता होती है, ताकि वह गंभीर बीमारी का रुप ना ले ले। उन्होंने बताया कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो यह आजाद के लिए कार्डियक अटैक का कारण बन सकता है।

आजाद को तुरंत इलाज: याचिका में कहा गया कि अगर आजाद को तुरंत इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया तो उन्हें दिल का दौरा भी पड़ सकता है। दिल्ली की अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेजा था। आजाद के संगठन ने बिना पुलिस की अनुमति के संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला था।