दिल्ली की एक अदालत ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी मामले में शनिवार को कारोबारी नवनीत कालरा को जमानत प्रदान की। दिल्ली में कालरा के ‘खान चाचा’ समेत अन्य रेस्तरां से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए गए थे। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने आरोपी को उन ग्राहकों से संपर्क नहीं करने के निर्देश दिए जिन्हें उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे थे। साथ ही साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने, गवाहों का प्रभावित नहीं करने और पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने के भी निर्देश दिए।

हाल ही में पुलिस ने कालरा के टाउन हॉल, खान चाचा और नेग एंड जू रेस्तरां पर की गई छापेमारी में 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए थे जोकि कोविड-19 मरीजों के लिए बेहद आवश्यक मेडिकल उपकरण है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के आरोपी कारोबारी कालरा को 16 मई को गुरुग्राम से से पकड़ा गया था और अगले दिन उसकी गिरफ्तारी हुई थी। वह रेस्तरां पर छापेमारी के बाद से ही फरार चल रहा था। एक अदालत ने कालरा को तीन जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस के वकील अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत से कहा कि कारोबारी ने सफेदपोश अपराध किया है और उसने अधिक लाभ कमाने के लिए मौत से जूझ रहे मरीजों को ऊंचे दामों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे।

दिल्ली पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, ‘‘उसकी मंशा लोगों को ठगने और मुनाफा कमाने की थी। यह सफेदपोश अपराध है। उसने मृत्यु शैय्या पर पड़े जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे।’’ श्रीवास्तव ने कालरा की जमानत याचिका खारिज करने का अनुरोध किया।

कालरा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा और वकील विनीत मल्होत्रा ने पुलिस की दलीलों का विरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किल को बलि का बकरा बनाया जा रहा है और उनकी लोगों को धोखा देने जैसी कोई आपराधिक मंशा नहीं थी क्योंकि कालरा ने केवल परिवार एवं मित्रों की सहायता के तौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे।

पुलिस ने दावा किया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से मंगाए गए और इन्हें इनकी कीमत 16,000 से 22,000 रुपये से कहीं ऊंचे दामों पर 50,000 से 70,000 रुपये में बेचा गया।