दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘सेवा पखवाड़ा’ अभियान के तहत गुरुवार को 502 ‘क्रेच’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पहल से हजारों माताओं को बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी। रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए एक नयी योजना पर भी काम कर रही है, जिसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के माध्यम से महिलाओं को 10 करोड़ रुपये तक की लोन सुविधा प्रदान की जाएगी।
सीएम रेखा के बच्चों को कौन संभालता था?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह पालना कार्यक्रम हजारों माताओं को आगे बढ़ने और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने का मार्ग प्रदान करेगा।” अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए रेखा गुप्ता ने राजनीति में अपने शुरुआती वर्षों की चुनौतियों को याद किया, जब उनके बच्चे छोटे थे। उन्होंने कहा, “उस समय मैं अक्सर सोचती थी कि मेरे बच्चों की देखभाल कौन करेगा। मेरी बहन ने ही यह जिम्मेदारी संभाली थी। आज यह भूमिका हमारे शिशु गृह और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निभाएंगे।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सिर्फ कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि इन केंद्रों में आने वाले दिल्ली के बच्चों की मौसी हैं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास सचिव रश्मि सिंह से यह निर्देश जारी करने को कहा कि क्रेच और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को औपचारिक रूप से मौसी के नाम से संबोधित किया जाए।
आलंद सीट वोट चोरी करके जीती? राहुल गांधी के आरोपों पर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस से पूछा
पीएम मोदी की रेखा ने की तारीफ
रेखा गुप्ता ने कहा, “इस तरह वे मां जैसा स्नेह दे पाएंगी। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि घर पर मां को अपने बच्चों की देखभाल खुद ही करनी चाहिए, क्योंकि उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। यह योजना कामकाजी महिलाओं के लिए है।” रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तीकरण को प्राथमिकता दी है।