अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सिंगापुर दौरे की अनुमति मांगी है। बता दें कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल को सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग ने दिल्ली में एक जून को मुलाकात कर सिंगापुर आने का न्यौता दिया था। ऐसे में सिंगापुर में वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से उपराज्यपाल के पास पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए फाइल भेजी गई थी।

बता दें कि दिल्ली सरकार की तरफ से तीन हफ्ते पहले भेजी गई इस फाइल का जवाब जून के अंत तक नहीं आया। ऐसे में सीएम केजरीवाल ने एक चिट्ठी लिखकर सिंगापुर जाने की अनुमति रोकने को बताया ग़लत है।

पत्र में क्या लिखा है: पत्र में सीएम केजरीवाल ने लिखा है कि विश्व स्तरीय सम्मेलन में दिल्ली मॉडल को पेश करने के लिए सिंगापुर सरकार की तरफ से न्योता मिला है। इसमें दुनिया भर के कई बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल को पेश किया जाना है। दिल्ली मॉडल को लेकर आज सारी दुनिया जानना चाहती है। ये देश के लिए गौरव और मान की बात है।

केजरीवाल ने लिखा कि किसी मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मंच पर न जाने देना देशहित के ख़िलाफ़ है। इसलिए जल्द से जल्द सिंगापुर जाने की अनुमति दें, जिससे देश का नाम ऊंचा कर सकूं।

इससे पहले भी नहीं मिली थी अनुमति: बता दें कि सिंगापुर जाने को लेकर केजरीवाल की चिंता इसलिए है क्योंकि इससे पहले 2019 में भी उन्होंने विदेश में पर्यावरण के मुद्दे पर बोलने के लिए जाना था। लेकिन इसपर पॉलिटिकल क्लीयरेंस नहीं मिल सकी थी। इसपर केंद्र सरकार का कहना था कि यह शिखर सम्मेलन मेयर स्तर का है, इसमें मुख्यमंत्री का जाना उचित नहीं है।

क्या है प्रोटोकॉल: अधिकारियों के अनुसार दिल्ली के सीएम को किसी विदेशी यात्रा के लिए बनाए गए ‘प्रोटोकॉल’ का पालन करना होता है। इसमें मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को आधिकारिक विदेश यात्रा करने के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है। इसके लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय के जरिए गृह मंत्रालय पहुंचती है।