Delhi Cloud Seeding: दिल्ली में मंगलवार को कृत्रिम बारिश परीक्षणों से उन स्थानों पर अति सूक्ष्म कणों में कमी लाने में मदद मिली। राजधानी में यह प्रक्रिया अंजाम दी गयी गई, जबकि परिस्थितियां इसके लिए आदर्श नहीं थीं। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो बार बारिश दर्ज की गई। इसके तहत नोएडा में शाम चार बजे 0.1 मिमी बारिश और ग्रेटर नोएडा में शाम 4 बजे 0.2 मिमी दर्ज हुई। आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) निगरानी के लिए 20 स्थानों से विशेष रूप से अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 को लेकर आंकड़े एकत्र किए गए जो कृत्रिम वर्षा से सीधे प्रभावित होंगे।

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कहां-कहां हुई क्लाउड सीडिंग?

रिपोर्ट में कहा गया है कि कृत्रिम बारिश से पहले मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में पीएम 2.5 का स्तर क्रमशः 221, 230 और 229 था, जो पहले परीक्षण के बाद घटकर क्रमशः 207, 206 और 203 रह गया। इसी प्रकार, पीएम 10 का स्तर 207, 206 और 209 था, जो घटकर क्रमशः मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में 177, 163 और 177 रह गया।

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प्रदूषण और हवा को लेकर कही गई ये बात

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और अन्य एजेंसियों द्वारा नमी की अनुमानित मात्रा 10-15 प्रतिशत के निम्न स्तर पर बनी रही, जो कृत्रिम बारिश के लिए आदर्श स्थिति नहीं है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्थिति कम नमी वाली परिस्थितियों में कृत्रिम बारिश सामग्री की प्रभाव क्षमता का आकलन करने के लिए भी उपयुक्त है।

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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उस समय हवाएं लगभग स्थिर थीं, लेकिन छोड़े गए रसायनों के कारण उत्पन्न सघन नमी ने इन कणों के एक हिस्से को नीचे बैठाने में मदद की, जिसके कारण ये कमी आई।

इसका प्रारंभिक बिंदु आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी था, जहां से विमान ने दोपहर 12.13 बजे उड़ान भरी और इसमें खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर और भोजपुर को शामिल किया गया। कृत्रिम बारिश के लिए दूसरी उड़ान मेरठ हवाई पट्टी से ही संचालित की गई।

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