दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार (19 दिसंबर, 2019) को मुफ्त वाईफाई योजना की शुरुआत की और कहा कि ये विरोधाभास यह है कि आज के दिन ही दिल्ली में अधिकारियों ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों के चलते राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में मोबाइल-इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि देश में लोग ‘‘डरे’’ हुए हैं क्योंकि करीब 70 प्रतिशत के पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून की कोई जरूरत नहीं है और सरकार को चाहिए कि वह युवाओं को रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान दे। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों को देखते हुए दिल्ली पुलिस के निर्देश के बाद दूरसंचार परिचालकों ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट, वायस और संदेश सेवाएं बंद कर दी।

बता दें कि दिल्ली के प्रभावित इलाकों में एयरटेल की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। कंपनी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इन सेवाओं को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था। एयरटेल के एक प्रवक्ता ने संपर्क किए जाने पर इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया। अन्य दूरसंचार कंपनियों से फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। एयरटेल के अलावा वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो की इंटरनेट, वॉयस और एसएमएस सेवाओं को भी निलंबित किया गया है।

एयरटेल सूत्रों ने बताया कि कुछ खास इलाकों में संचार सेवाओं को निलंबित किया गया था जिन्हें अब बहाल कर दिया गया है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों के चलते दिल्ली के कुछ इलाकों में दूरसंचार सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। दिल्ली पुलिस के निर्देश पर उत्तरी और मध्य दिल्ली के पुराने इलाकों के साथ ही मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग और बवाना में मोबाइल सेवाओं को निलंबित किया गया।