दिल्ली में सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही कार में हुए विस्फोट हुआ। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। इस घटना में कई वाहन भी जलकर नष्ट हो गए। कुछ शव अभी भी पहचाने नहीं जा सके थे। आइए जानते हैं विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों के बारे में।
ई-रिक्शा चालक जुम्मन खान
ई-रिक्शा चालक जुम्मन खान सोमवार शाम को जब घर नहीं लौटे तो उनके परिवार को चिंता हुई। उनके रिश्तेदार के फ़ोन के फ़ैमिली लोकेटर ऐप का जीपीएस ट्रैकर विस्फोट स्थल के पास ही ठप हो गया था। रात भर उनका इंतज़ार करने के बाद, मंगलवार को परिवार उन्हें ढूँढ़ने निकल पड़ा। जुम्मन की दिव्यांग पत्नी अपने छोटे बच्चों और कुछ रिश्तेदारों के साथ ई-रिक्शा में सवार होकर विस्फोट स्थल, लोक नायक अस्पताल की आपातकालीन सेवा और शवगृह गईं लेकिन वहां जुम्मन की बॉडी नहीं थी। शवगृह से परिवार शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन गया। जुम्मन के चाचा मुहम्मद इदरीस ने बताया, “पुलिस ने अस्पताल और शवगृह को कुछ जानकारी भेजी। हम शाम 4 बजे शवगृह वापस गए।”
इस बार उन्हें जुम्मन मिल गया। उसका सिर्फ़ धड़ बचा था, हाथ-पैर विस्फोट में उड़ गए थे। जुम्मन के एक बेटे ने शरीर पर पड़े कपड़े के टुकड़ों से अपने पिता को पहचान लिया। इदरीस ने बताया, “वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उनके बच्चे क्रमशः 11, 8 और 7 साल के हैं। हमें पता था कि वह विस्फोट स्थल पर है क्योंकि उसका जीपीएस शाम 7 बजे तक चालू था।”
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शामली में दुकानदार
शामली में दुकानदार नौमान अंसारी की उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में अपने गृहनगर में एक छोटी सी कॉस्मेटिक की दुकान थी। वह हर हफ़्ते अपनी दुकान के लिए सामान ख़रीदने पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक जाते थे। विस्फोट के समय नौमान अपने दोस्त अमन के साथ था। अमन बच गया और मंगलवार को उसकी सर्जरी हुई। उसके एक दोस्त सोनू ने बताया कि हमें नौमान के बारे में सोमवार रात करीब 10-11 बजे पता चला। नौमान परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था।
ओला कैब ड्राइवर
मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाला पंकज, दिल्ली के कंझावला में रहता था और पार्ट-टाइम टैक्सी चलाता था। सोमवार शाम को उसने दिन के अपने आखिरी यात्री को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ा और घर जा रहा था। पंकज के चचेरे भाई आशुतोष ने बताया कि शाम को धमाके की खबर सुनने के बाद, हमने उसे कई बार फ़ोन किया। उससे बात न हो पाने पर, हम एलएनजेपी अस्पताल गए लेकिन हम उसे पहचान नहीं पाए।” सोशल मीडिया पर पंकज की कार की तस्वीर देखने के बाद परिवार को अनहोनी की आशंका हुई। आशुतोष ने कहा कि गाड़ी की हालत देख कर लग रहा था कि उसका बचना बहुत मुश्किल था। मंगलवार सुबह उन्होंने मोर्चरी में पंकज के शव की पहचान की।
भगीरथ पैलेस स्थित जकसन पाल बिल्डिंग से अपना व्यवसाय चलाने वाले फार्मासिस्ट और थोक विक्रेता अमर विस्फोट में मारे गए लोगों में शामिल थे। उनके सहयोगी अजय ने बताया, “उनका चेहरा हद से ज्यादा झुलस गया था, टैटू से ही उनकी पहचान हो पाई।”
शादी कार्ड की दुकान पर काम करने वाला
चावड़ी बाज़ार की भीड़-भाड़ वाली गलियों में छोटी सी शादी के कार्ड की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी दिनेश कुमार लाल किला विस्फोट में मारे गए लोगों में से एक थे। दुकानदार लव जैन ने बताया, “वह मेरे साथ 4-5 साल से काम कर रहा था। उसने मुझे शाम 6.30 बजे के आसपास फोन किया था। वह घर जाने के लिए ई-रिक्शा पकड़ने के लिए लाल किला मेट्रो स्टेशन से बाहर निकला ही होगा तभी यह घटना घटी।” उन्होंने आगे कहा, “जब हमें लगा कि मामला गंभीर है तो मैंने उसे तीन बार फ़ोन किया। उसने फ़ोन नहीं उठाया। चौथी बार उसका फ़ोन बंद था। तभी मैं घबरा गया।”
लव ने बताया, “हम दोनों ने थोड़ा इंतज़ार करने का फ़ैसला किया। मैं आमतौर पर रात 8 बजे तक दुकान बंद कर देता हूं लेकिन कल मैंने उसे रात 10 बजे तक खुला रखा, यह सोचकर कि शायद वो अंदर आ जाएगा।” रात में दोनों एलएनजेपी अस्पताल गए। हम रात के दो बजे तक इंतज़ार करते रहे लेकिन गार्डों ने हमें अंदर नहीं जाने दिया। सुबह चार बजे हम वापस गए और उसके भाई ने शव की पहचान की।”
उर्वरक व्यापारी और डीटीसी कंडक्टर
उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले अशोक और लोकेश की मुलाकात चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर हुई थी। जब विस्फोट हुआ, तब लोकेश लाल किले के पास मोटरसाइकिल पर थे।” लोकेश के दो बेटे और एक बेटी हैं। वहीं, तिमारपुर निवासी अशोक डीटीसी बस कंडक्टर थे और 30,000 रुपये प्रति माह कमाते थे। अशोक के परिवार में पांच और छह साल की दो बेटियां और तीन साल का एक बेटा है।
मेरठ के अंसार ब्लॉक निवासी मोहसिन सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए विस्फोट के समय ई-रिक्शा चला रहा था। जब वह घर नहीं लौटा तो मोहसिन की बहन और उसके पति नाजिम उसे ढूंढने के लिए रात में लोक नायक अस्पताल आए, जहां उन्हें बताया गया कि उसकी मौत हो गई है। नाज़िम ने बताया, “हमने टीवी पर खबर देखी और उसे फ़ोन किया लेकिन उसने फ़ोन नहीं उठाया। शुरू में हमने उसे ढूँढ़ने की कोशिश की लेकिन बाद में डॉक्टरों ने बताया कि वह अब नहीं रहा।”
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