दिल्ली के बुराड़ी में उस मकान में अब अस्पताल खुल गया है, जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। दरअसल, इस घटना के बाद से यह मकान हॉन्टेड हाउस कहलाने लगा था। रात में क्या, लोगों ने दिन में भी इस इलाके से गुजरना बंद कर दिया था। हालांकि, अस्पताल खोलने वाले डॉक्टर का कहना है कि उन्हें अंधविश्वास पर यकीन नहीं है। अगर वह ऐसी बातों पर विश्वास करते तो यहां कभी नहीं आते।
डॉक्टर ने कही यह बात: अस्पताल के ओनर डॉ. मोहन सिंह ने कहा, ‘‘मैं अंधविश्वास पर यकीन नहीं करता हूं। अगर मैं इस तरह की बातों पर विश्वास करता तो यहां कभी नहीं आता। जांच के लिए आने वाले मेरे मरीजों को भी कोई परेशानी नहीं है। मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। सड़क के पास होने के कारण यह घर काफी सुविधाजनक है। मैं अंधविश्वासी नहीं हूं।’’
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गृह प्रवेश से पहले किया गया पूजन: बता दें कि बुराड़ी के इस हॉरर हाउस में गृह प्रवेश से पहले पुजारी ने पूजा-अर्चना व हवन भी कराया। इस दौरान गौरी-गणेश की पूजा की गई। पुजारी ने बताया कि नए काम की शुरुआत से पहले रीति-रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना की गई। अंधविश्वास व किवदंतियों पर किसी को भरोसा नहीं करना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने दी यह जानकारी: बुराड़ी में रहने वाले एक शख्स ने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ था, वह अब बीत चुका है। अब सब कुछ ठीक है।’’ वहीं, एक अन्य निवासी ने बताया, ‘‘वे काफी अच्छे लोग थे। यहां पर बुरी आत्माओं जैसा कुछ नहीं है। उनकी रूह को जन्नत नसीब हुई होगी।’’ गौरतलब है कि 1 जुलाई 2018 में 7 महिलाओं व 4 पुरुषों के शव मिलने के बाद यह घर चर्चा में आ गया था। पोस्टमॉर्टम में सभी लोगों के सुसाइड करने की पुष्टि हुई थी।

