What Is Ammonium Nitrate: राजधानी दिल्ली में सोमवार को लाल किले के पास जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जांच एजेंसियां मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं और शुरुआती संकेत आतंकी साजिश की ओर इशारा करते हैं। इस हमले की टाइमिंग इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से सोमवार को ही 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। अब यह समझने की कोशिश करते हैं कि अमोनियम नाइट्रेट कितना खतरनाक है और यह कितनी तबाही कर सकता है।
क्या है Ammonium Nitrate?
विशेषज्ञ बताते हैं कि अमोनियम नाइट्रेट एक सफेद पाउडर है। आमतौर पर इसका उपयोग कृषि में उर्वरक के रूप में किया जाता है, लेकिन यह गलत हाथों में चला जाए तो अत्यंत घातक बन सकता है। यदि अमोनियम नाइट्रेट का दुरुपयोग किया जाए और उसके साथ डेटोनेटर, बैटरी और टाइमर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जोड़ दिए जाएं तो यह एक शक्तिशाली विस्फोटक में तब्दील हो सकता है।
उदाहरण के तौर पर, 2020 में लेबनान की राजधानी बेयरुत में हुए बड़े धमाके में भी अमोनियम नाइट्रेट को जिम्मेदार बताया गया था; उस हादसे में 200 लोगों की मौत हुई और हजारों घायल हुए थे।
भारत में अमोनियम नाइट्रेट को लेकर क्या नियम?
भारत में अमोनियम नाइट्रेट के उपयोग और बिक्री पर भी कड़े नियम लागू हैं। सरकार ने इसे रेगुलेट किया है और संबंधित नियमों के तहत नियमित निगरानी होती है। विस्फोटक अधिनियम, 1884 और उससे जुड़े नियम अमोनियम नाइट्रेट की खरीद और बिक्री पर लागू होते हैं। 45% से अधिक अमोनियम नाइट्रेट को विस्फोटक माना जाता है और इसके उत्पादन/आपूर्ति में शामिल व्यक्तियों के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में अमोनियम नाइट्रेट ले जाने पर प्रतिबंध और नियंत्रण लागू होते हैं।
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आतंकी क्यों करते हैं अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल?
जानकारी के अनुसार आतंकी अमोनियम नाइट्रेट का दुरुपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह रसायन खाद के रूप में इस्तेमाल होता है, इसलिए इसकी कीमत कम होती है और उपलब्धता अधिक होती है। इसी कारण संदिग्ध समूह कभी-कभी इसे विस्फोटक बनाने के उद्देश्य से खरीद लेते हैं।
हमलों में कब-कब अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल?
कई मामलों में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल दर्ज है। दिल्ली में 2008 के सीरियल ब्लास्ट के समय भी इस रसायन का ज़िक्र आया था। 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले हुए कुछ धमाकों में और 2011 में मुंबई की बाजारों में हुए ब्लास्ट में भी अमोनियम नाइट्रेट की भूमिका पर सवाल उठे थे।
