दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी ने राज्य नेतृत्व के सामने पार्टी में अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। महिला नेता ने आरोप लगाया कि उन्हें रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने के लिए एक्सेस पास नहीं दिया गया।

पार्टी के पदाधिकारियों के वाट्सएप ग्रुप में शाजिया इल्मी ने इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को रैली में शामिल होने के लिए एक्सेस पास दिए गए लेकिन उन्हें यह पास देने से इनकार कर दिया गया। मालूम हो कि शाजिया इल्मी साल 2015 में आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं।

वह पार्टी की मीडिया पैनल भी शामिल हैं। वह अनेक टीवी चैनलों पर होने वाली डिबेट में पार्टी का पक्ष मजबूती से रखती हुई नजर आती हैं। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में शाजिया इल्मी ने कहा कि मैं कभी भी इस मुद्दे को मीडिया के जरिये नहीं उठाना चाहती थी लेकिन किसी ने पार्टी की आंतरिक वाट्सएप ग्रुप पर हुई बातचीत को लीक कर दिया।

उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उनके साथ इस तरह का भेदभाव हुआ हो। इसलिए उन्होंने ग्रुप में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में कड़ाई से संज्ञान लिया है। शाजिया ने कहा कि मैं यह साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि इस मामले को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। इसका संबंध सिर्फ राज्य के नेताओं की राजनीति से ही जुड़ी हुई है।

दूसरी तरफ, पार्टी सूत्रों का कहना है कि इल्मी भी उन महिला पदाधिकारियों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने रविवार को हुई रैली में भेदभाव की बात कही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रविवार को इल्मी बाद में मीडिया के लिए तय स्थान पर बैठ गई थीं। उन्होंने कहा कि इल्मी इस बात से भी नाराज है कि पार्टी की दो उच्च स्तरीय बैठकों में उचित स्थान नहीं मिल सका था।

साल 2017 में मनोज तिवारी के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद इल्मी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस संबंध में दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की। भाजपा मीडिया प्रमुख प्रत्युष कांत ने कहा कि शाजिया को अपनी समस्या को मनोज तिवारी के सामने रखना चाहिए। पार्टी इस मामले को देख रही है।