दिल्ली भाजपा के नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। देश के विभिन्न राज्यों के अध्यक्ष का फैसला होने के बाद अब दिल्ली की तैयारी है। नए चेहरे को लेकर पार्टी में मंथन का दौर जारी है। पार्टी सूत्र बता रहे है कि इस कुर्सी के लिए कई पुराने चेहरे दौड़ में हैं लेकिन नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज है। दिल्ली चुनाव की वजह से यह फैसला टाल दिया गया था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि अभी तक दौड़ में भाजपा नेता पवन शर्मा, कुलजीत चहल, आशीष सूद समेत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का नाम बताया जा रहा है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय नेतृत्व में सक्रिय नेता भी इस तरफ नजर लगाए हुए हैं। पार्टी सूत्र मानते है कि पार्टी को एक नए चेहरे की तलाश है ताकि नई ऊर्जा के साथ काम किया जा सके। पार्टी सूत्रों का यह भी मानना है कि लोकसभा व निगम चुनाव में पार्टी के पक्ष में माहौल होता है लेकिन जैसे ही दिल्ली के चुनाव होते हैं, तो चुनावी समीकरण बदल जाते हैं। इसलिए स्वतंत्र तौर पर काम करने के लिए एक चेहरा यहां पर होना बेहद जरूरी है।
इसी रणनीति से ही आगे बढ़ा जा सकता है। सामान्य तौर पर दिल्ली भाजपा में अध्यक्ष पद का कार्यकाल तीन साल के लिए होता है। नए पार्टी अध्यक्ष के चुनने के बाद ही राज्यों के अध्यक्षों की प्रक्रिया शुरू होती है। इससे पूर्व पार्टी हाईकामन ने पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के चुनाव से पहले पहले कई राज्यों में नए अध्यक्षों की तैनाती की थी।
दिल्ली को खल रही है सुषमा-जेटली की कमी : दिल्ली का चेहरे कौन होगा। इसमें भाजपा के दो स्वर्गीय नेता अरुण जेतली व सुषमा स्वराज की हमेशा से अहम भूमिका रही है। इस भूमिका का असर यह रह है कि पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बाद से ही इन्हें टिकट बंटवारे से लेकर हर अहम कार्य में जरूर शामिल किया जाता था। इनके साथ सक्रिय नेता बताते है कि अब पार्टी के लिए कठिन स्थिति यह है कि किस बड़े नेता के पास जाकर ऐसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा की जाए। जो बार- बार हो रही इस देरी की बड़ी वजह बताई जा रही है।
उस समय के बड़े नेताओं में केवल वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा इस समय हैं जो दिल्ली से जुड़े भी रहे हैं। इनका अधिक प्रभाव दिल्ली भाजपा की राजनीति में देखने को नहीं मिल रहा है।
पहली चुनौती होगी निगम चुनाव : नए अध्यक्ष के लिए सबसे पहले चुनाती निगम चुनाव होंगे। एमसीडी के चुनाव 2017 में हुए थे और अब ये चुनाव 2022 में होने हैं। बीते चुनाव में भाजपा ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा ने वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की अगुआई में पहले एमसीडी और इसके बाद विधानसभा का चुनाव लड़ा है।
एमसीडी चुनाव में भाजपा ने 37 फीसद मतों के साथ बहुमत प्राप्त किया था। जबकि आम आदमी पार्टी ने 26 फीसद और कांग्रेस ने 21 फीसद मत प्रतिशत प्राप्त किया था। आप ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व कांगे्रस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अगुआई में यह चुनाव लड़ा था।