दिल्ली में ऑटो और कैब ड्राइवर यूनियन सोमवार (18 अप्रैल 2022) से दो दिनों की हड़ताल पर थे। टैक्सी, ऑटो और ओला, ऊबर के कैब ड्राइवरों ने किराए में बढ़ोतरी के साथ ही ईंधन की बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने के लिए सीएनजी की कीमतों में कमी की मांग की है। ऐसे में टैक्सी, ऑटो, मिनी बस, ओला और ऊबर कैब के पहिए राजधानी में थमे नजर आए, जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को हड़ताल के कारण हुई असुविधा को देखते हुए ड्राइवर यूनियनों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। हालांकि, ऐप- बेस्ड कैब एग्रीगेटर्स के साथ काम करने वाले ड्राइवरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। ऑटो रिक्शा और टैक्सी यूनियनों ने सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी और किराए में बढ़ोतरी की मांग की है।
जनता की दिक्कतों को देखकर हड़ताल खत्म करने का फैसला- दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेश सोनी ने पीटीआई से बातचीत में कहा,”हमारी हड़ताल अपना संदेश देने में सफल रही। जनता को हो रही दिक्कतों को देखते हुए हमने अपनी हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है. हड़ताल पर आगे क्या एक्शन लिया जाएगा इसका फैसला बाद में किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार को या तो सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी देनी चाहिए या किराए में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट एंड ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष, संजय सम्राट ने हड़ताल खत्म करने की जानकारी देते हुए कहा,”आज सभी पर्यटक टैक्सियां और बसें नहीं चलीं। हमें पता चला कि कई लोग फंसे हुए हैं। लेकिन न तो केंद्र और न ही राज्य को जनता को हो रही असुविधा से कोई सरोकार है. इसलिए टूरिस्ट टैक्सियों और बसों ने मंगलवार (19 अप्रैल 2022) को हड़ताल को खत्म करने और काम पर लौटने का फैसला किया है।”
टैक्सियों का किराया बढ़ाने की मांग- ऑटो रिक्शा और टैक्सी यूनियनों की हड़ताल के चलते सोमवार को दिल्ली में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ये यूनियन सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी और ईंधन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए ऑटो और टैक्सी के किराए बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं। यूनियनों ने एसी टैक्सी का किराया 30 रुपये और नॉन-एसी टैक्सियों का किराया 25 रुपये प्रति किलोमीटर तक बढ़ाने की मांग की। दिल्ली में रजिस्टर्ड टैक्सियों को एमसीडी टोल टैक्स से छूट,सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर दिल्ली सिटी टैक्सी नीति 2017 को लॉन्च करने की मांग की। इसके साथ ही ड्राइवर्स एसोसिएशन ने कैब एग्रीगेटर्स सिस्टम को खत्म करने और सभी टैक्सियों-कैब के लिए समान किराए की मांग की।
ऐप-बेस्ड कैब एग्रीगेटर्स के साथ काम करने वाले कैब ड्राइवरों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे। उनका कहना है कि टैक्सी का किराया पिछली बार 2013 में संशोधित किया गया था,लेकिन इस बीच सीएनजी की कीमत कई गुना बढ़ गई है।
कैब के लिए लंबा इंतजार- वहीं दूसरी ओर कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें ओला और उबर कैब के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। साथ ही इन कैब सर्विस का किराया भी काफी ज्यादा दिखाई दे रहा था। रेलवे स्टेशनों,अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों,मेट्रो स्टेशन पर शायद ही कोई ऑटो,कैब और फीडर बसें उपलब्ध थीं। सोशल मीडिया पर भी हड़ताल से हैरान-परेशान यात्रियों के कई पोस्ट,तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं जिनमें यात्रियों को हड़ताल से हो रही परेशानी साफ-साफ देखी जा सकती है।