Delhi Assembly Polls 2020: दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की दस में से नौ सीटें ग्रामीण हैं। इनमें बड़ी संख्या में अनधिकृत कॉलोनियां हैं और इनके निवासी ही उम्मीदवारों की किस्मत तय करेंगे। इस संसदीय क्षेत्र में छतरपुर, महरौली, संगम विहार, देवली, आंबेडकर नगर, तुगलकाबाद, बदरपुर, पालम, बिजवासन और कालकाजी विधानसभा सीटें हैं। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16.70 लाख से अधिक है। यहां गांवों की संख्या 54 और 500 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियां हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली में दस विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने जीत दर्ज की थी और भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। इन सभी सीटों पर ‘आप’ के उम्मीदवार 50 फीसद से अधिक मत लेकर विधायक बने थे। अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को अपने पक्ष में लाने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ने इन कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने के लिए पीएम उदय योजना लेकर आई है। इसके तहत चुनावों की घोषणा होने से पहले इन कॉलोनियों में रहने वाले 20 लोगों को मालिकाना हक के कागजात भी केंद्र सरकार की ओर से सौंपे गए। हालांकि ‘आप’ का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से लोगों के साथ मजाक किया जा रहा है। उनका तर्क है कि जब तक कॉलोनी को पक्का नहीं किया जाएगा तब तक मालिकाना हक लेकर भी लोगों को क्या फायदा होगा।
असोला स्थित एक अनधिकृत कॉलोनी के जोगेंद्र प्रजापति ने बताया कि केंद्र की ओर से आई पीएम उदय योजना अच्छी है। अभी तक हम अपने घर के मालिक नहीं थे। उन्होंने कहा कि कॉलोनियों को पक्का करने में कई तरह के पेच हैं लेकिन कुछ तो शुरुआत हो रही है। वहीं, संगम विहार के विपिन यादव ने बताया कि पीएम उदय योजना से कुछ नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र को चाहिए कि वह दिल्ली की सभी अनधिकृत कॉलोनियों को तुरंत प्रभाव से पास करे।
महरौली और छतरपुर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता ब्रह्म सिंह तंवर ने कहा कि केंद्र की ओर से अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने के लिए लाई गई पीएम उदय योजना बहुत अच्छी है। इसका फायदा भी लोगों को मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में इन लोगों के नाम दर्ज होने लगे हैं और अब यह गर्व से कह सकते हैं कि उनकी संपत्ति भी दिल्ली में है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे लोगों को मालिकाना हक मिलेगा, वैसे-वैसे इन कॉलोनियों के काम में और तेजी आएगी।
बिजवासन से पूर्व विधायक रहे विजय लोचव ने कहा कि इंदिरा गांधी ने दिल्ली की 567 कॉलोनियों को बिना किसी शुल्क के पक्का किया था लेकिन अब यह सरकार ऊंची कीमत लोगों से वसूल रही है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर सरकार का यह कहना कि हम लोगों को मालिकाना हक दे रहे हैं, यह बात बहुत की गलत है। अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग झुग्गियों में नहीं रहते हैं, उनके पास मकान हैं। ऐसे में वे पहले से ही उस मकान के मालिक हैं। केंद्र सरकार इस योजना के तहत लोगों की बेइज्जती भी कर रही है।

