Delhi Assembly Elections: चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद बीजेपी ने दावा किया है कि वह राज्य की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को चुनाव में हराकर 25 साल से जारी अपने वनवास को खत्म कर देगी।
दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करने वाली अरविंद केजरीवाल की पार्टी को हराना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। केजरीवाल की पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बीजेपी ने ‘परिवर्तन’ का नारा दिया है और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।
आइए आपको बताते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी को अपनी किन कमजोरियों पर काम करने होगा और किन खतरों से सावधान रहते हुए रणनीति तैयार करनी होगी।
दिल्ली में बीजेपी की कमजोरी
केजरीवाल के सामने कौन? – दिल्ली में बीजेपी ने अभी तक सीएम फेस को लेकर कोई घोषणा नहीं की है। वह AAP द्वारा CM फेस घोषित किए गए केजरीवाल को चुनौती देने के लिए किसी स्थानीय चेहरे को पेश करने में विफल रही है।
केजरीवाल की लोकप्रिय घोषणाओं का कैसे करेंगे मुकाबला? – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पहले से ही कई मुफ्त योजनाएं चला रही है। अब उसने कुछ और योजनाओं का ऐलान किया है लेकिन दिल्ली बीजेपी की तरफ से उसका मुकाबला करने के लिए कोई घोषणा नहीं की है। हालांकि दिल्ली बीजेपी नेता का कहना है कि सरकार बनने पर वो मौजूदा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं जारी रखेंगे।
आरक्षित और अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर खराब रिकॉर्ड – दिल्ली में बीजेपी का 12 आरक्षित और आठ अल्पसंख्यक बहुल सीट पर रिकॉर्ड खराब रहा है। पार्टी 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में इनमें से एक भी सीट जीतने में विफल रही थी।
दिल्ली में बीजेपी के सामने क्या है खतरा?
AAP का वोट बैंक मजबूत – दिल्ली में बीजेपी के लिए आप के खिलाफ मुकाबला कठिन है, क्योंकि माना जाता है कि झुग्गी-झोपड़ियों, अनाधिकृत कॉलोनियों, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों, निम्न मध्यम वर्गीय इलाकों में आप का मजबूत आधार है।
बाहरी लोगों को टिकट – बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में आठ ‘बाहरी’ लोगों को मैदान में उतारा है, ये AAP और कांग्रेस से पार्टी में आए हैं । ऐसे कुछ और लोगों को टिकट मिल सकता है क्योंकि 41 उम्मीदवारों की घोषणा अभी बाकी है। कहा जा रहा है कि इन नेताओं को टिकट मिलने से पार्टी में असंतोष है।
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