Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। पिछली बार भी आतिशी ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी, एक बार फिर वे यहां से ताल ठोक रही हैं। बीजेपी ने इस हाई प्रोफाइल सीट से रमेश बिधूड़ी को उतार रखा है, अभी अपने विवादों की वजह से सुर्खियों में चल रहे हैं, लेकिन राजनीति में एक लंबा अनुभव भी रखते हैं। कांग्रेस ने इस सीट से अल्का लांबा को मौका दिया है। अब जनसत्ता की टीम ने जमीन पर उतर कालकाजी सीट का मिजाज जानने की कोशिश की है।
आतिशी की सीट पर प्राचीन कालकाजी मंदिर पड़ता है, हर बड़ा नेता यहां जरूर आता है। लेकिन इसी मंदिर के सामने इतनी गंदगी अब देखने को मिल रही है, कोई भी यह देख आना नहीं चाहेगा। लोगों से इस बारे में जब सवाल-जवाब किए तो पता चला कि पहले यहां झुग्गियां थीं, लेकिन फिर उन्हें हटा दिया गया। अब यह इलाका अवैध या वैध, लोगों की बातचीत से यह साफ नहीं हो पाया, लेकिन वहां गंदगी काफी ज्यादा थी, यह जरूर जनसत्ता के कैमरे में कैद हुआ।
उस गंदगी से नाराज होकर वहां खड़े एक शख्स ने कहा कि 10 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने कोई काम नहीं किया है। इस समय आतिशी यहां की विधायक हैं और दिल्ली की मुख्यमंत्री भी हैं। लेकिन इस बार यहां पर बीजेपी की जीत होगी क्योंकि आम आदमी पार्टी ने ठीक से काम नहीं किया है। इस इलाके में कोई काम नहीं हुआ है, हमारे सामने ही देखिए, विरांग जगह पड़ी हुई है, झुग्गी-झोपड़ी के आसपास भी गंदगी भरी पड़ी है।
कालकाजी का ग्राउंड रिपोर्ट यहां देखें–
अब इतनी शिकायत हो ही रही थी, नजर कालकाजी मंदिर के सामने वाली एक दुकान पड़ी। वहां के दुकानदार अभय प्रकाश ने भी आतिशी के काम पर नाराजगी जता दी। उनके मुताबिक यहां पर अब बीजेपी के पक्ष में माहौल रहने वाला है। प्रकाश ने जनसत्ता से बात करते हुए कहा-
इस बार आतिशी का आना मुश्किल है, उनकी वापसी होती नहीं दिख रही है, जीतने के चांसेस तो बीजेपी के दिख रहे हैं। आतिशी जी पिछली बार भी हमारी ही विधानसभा से चुनाव लड़ी थीं, काफी वादे किए थे, लेकिन कई वादे पूरे नहीं हुए हैं, उससे लोग और जनता काफी खफा हैं। ऐसे में इस बार दिल्ली की जनता उन्हें इस चुनाव में सबक सिखा सकती हैं
अभय प्रकाश, दुकानदार
कालकाजी मंदिर के पास के लोगों की ऐसी प्रतिक्रिया देख जनसत्ता ने थोड़ा और नब्ज समझने की कोशिश की। जिस इलाके से लोगों की कई दुकानें हटाई गई थीं, वहां लोगों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली। उन लोगों ने बताया कि ना केजरीवाल का पैसा मिल रहा है और ना ही मोदी का राशन आ रहा है। एक महिला ने नाम ना बताने की शर्त पर काफी कुछ सुना डाला। उसका गुस्सा आतिशी के प्रति था, पीएम मोदी की तरफ था, पूरे प्रशासन पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया गया था। उस महिला ने कहा कि
हमे तो किसी से कुछ नहीं मिला, हमारी दुकानें चली गईं, यहां बैठते थे, हटा दिया इन लोगों ने। हमे तो कहीं बैठने नहीं दे रहे, भगा रहे हैं, बोलते हैं कि यहां से भाग जाओ तुम्हारा कुछ नहीं है। हम कहां जाए, हमारे भी तो बाल-बच्चे हैं। शिकायत तो कई बार की है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। गरीब आदमी हैं, यहां पड़े हैं, किसी तरह खा रहे हैं। हमारा तो सामान भी उठाकर ले जाते हैं। हर नेता से शिकायत की , हम तो सुनाना चाहते हैं, लेकिन कौन सुनेगा। हम तो तीन साल से दौड़ रहे हैं, पिट रहे हैं, कोई नहीं सुनता।
स्थानीय महिला, कालकाजी
अब इस इलाके की कई महिलाएं जिक्र कर रही थीं कि उनके पहले यहां पर घर थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें तुड़वा दिया। कुछ टूटी टीनें जरूर दिखाई पड़ीं, लेकिन कौन सही कौन गलत, यह बता पाना मुश्किल था। एक शख्स ने जरूर कहा कि यह इलाका DDA में आता है, इन लोगों ने कब्जा कर रखा है, यहां गंदगी करते हैं। यह तो क्योंकि साफ-सफाई होनी थी, इसलिए टीन-वगेरा हटाई गईं।
अब इस इलाके से निकलने के बाद जनसत्ता की टीम गोविंदपुरी इलाके में पहुंची, यह भी कालकाजी सीट के अंदर ही आता है। इलाके में गलियां काफी पतली थीं, आसमान में तारों का जाल था और कुछ जगहों पर सड़कें टूटी भी दिखीं। यहां पर जब लोगों से बातचीत की गई तो मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ आतिशी के काम से काफी खुश नजर आए तो कुछ ऐसे भी रहे जो नोटा पर वोट डालने की बात कर रहे थे। ऐसे ही एक दुकान में काम करने वाले मोहम्मद भाई से चर्चा शुरू हो गई। उन्होंने केजरीवाल की जमकर तारीफ की, आतिशी को काफी लोकप्रिय नेता भी बताया। उन्होंने बोला
इस इलाके में आतिशी तो आती रहती हैं, कोई ऐसी समस्या नहीं है यहां, सब ठीक ही चल रहा है। अब तो ट्रैफिक के हालात भी सुधर गए, पहले सड़कें खुदी रहती थीं, पानी भर जाता था, लेकिन उस स्थिति में भी काफी सुधार हो गया है। आतिशी जी ने काफी अच्छा काम किया है, वो काफी लोकप्रिय नेता हैं। अरविंद केजरीवाल की तो बात ही अलग हैं। मैं तो उनके काम का एक बड़ा फैन हूं। वे लोगों की समस्याओं को सुनते हैं
मोहम्मद, दुकानदार
गोविंदपुरी इलाके में ही जब जनसत्ता की टीम आगे बढ़ी, इकबाल सिंह नाम के एक स्थानीय शख्स मिल गए। उन्हें शिकायतें तो कई थीं, लेकिन आतिशी या आम आदमी पार्टी से नहीं बल्कि बीजेपी से। उन्होंने तमाम मुद्दों गिनवाए, लेकिन उनका निशाना सिर्फ बीजेपी और मोदी सरकार पर रहा। थोड़ी बातचीत के बाद उन्होंने खुलकर बोला-
आतिशी का तो बहुत बड़ा बढ़िया काम है, वो तो इलाके में भी आती हैं, हमारी समस्याएं भी सुनती हैं। थोड़ी बहु शिकायतें तो होती रहती हैं, कानून व्यवस्था को लेकर सुधार हो सकता है। अभी यह सब तो केंद्र के हाथ में है, अगर इन्हें मिल जाए तो और अच्छा हो जाएगा। इन बीजेपी वालों के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता। ये लोग समस्याएं तक नहीं सुनते हैं, कुछ काम नहीं करते।
इकबाल सिंह, स्थानीय
अब गोविंदपुरी इलाका ऐसी ही मिली-जुली प्रतिक्रियाओं से भरा दिखा। कहीं पर टूटी सड़कों को लोगों ने बड़ा मुद्दा बनाया तो कोई केजरीवाल का फैन भी दिख गया। कहीं परिवर्तन की बहार दिखी कहीं सत्ता के प्रति संतुष्टि का भाव भी आ गया। अब कालकाजी में क्या होने वाला है, इसका फैसला तो जनता को करना है। वैसे अगर केजरीवाल की सीट का माहौल जानना है, वहां की ग्राउंड रिपोर्ट देखनी है तो यहां क्लिक करें