रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की सशस्त्र सेनाओं के लिए एक तरह का “रियलिटी चेक” साबित हुआ। रक्षा सचिव ने कहा कि इसने उन जगहों की ओर ध्यान दिलाया है, जहां देश अपनी रक्षा क्षमताओं में सुधार कर सकता है। रक्षा सचिव शुक्रवार को सदर्न कमांड डिफेंस टेक 2025 सेमिनार (स्ट्राइड 2025) को संबोधित कर रहे थे।

6-7 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रहे 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी।

यह एयर स्ट्राइक पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद की गई थी।

रक्षा सचिव ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ की। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयर डिफेंस सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया था और पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइल हमलों को फेल कर दिया था।

रक्षा सचिव ने कहा कि आज के हालात में यह साफ है कि ज्यादातर देश फिर से रक्षा और सैन्य ताकत पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमें दिखाया कि हम कहां बेहतर कर सकते हैं और भविष्य के युद्धों की बदलती जरूरतों के हिसाब से कैसे ढलना होगा।

‘हार्ड पॉवर’ भी दिखानी होगी

रक्षा सचिव ने कहा कि भारत को अपनी ‘सॉफ्ट पॉवर’ के साथ-साथ ‘हार्ड पॉवर’ भी दिखाने की जरूरत है। राजेश कुमार सिंह ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर सरकार के रूख के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि 2024 में रक्षा पूंजीगत खर्च का 81 प्रतिशत हिस्सा देश के भीतर ही किया गया।

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सिंह ने कहा कि देश के सशस्त्र बलों की क्षमता वृद्धि की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षा जगत, डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) जैसे अनुसंधान संस्थानों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को एक साथ लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों ने बढ़ते वैश्वीकरण और मुक्त व्यापार की प्रवृत्ति को रोक दिया है।

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