गुजरात के भुज में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह विजयादशमी 2025 के अवसर पर लक्की नाला सैन्य चौकी में बहु-एजेंसी क्षमता अभ्यास और शस्त्रपूजन में शामिल हुए। इस दौरान रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है लेकिन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने का असफल प्रयास किया लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा तंत्र को बेनकाब कर दिया और दुनिया को संदेश दिया कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। रक्षामंत्री सिंह ने कहा कि भारत ने संयम बरता क्योंकि उसकी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसे बढ़ाना और युद्ध छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था। मुझे खुशी है कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।’’

राजनाथ सिंह बोले- भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को बेनकाब कर दिया

रक्षामंत्री दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा से पहले गुजरात के भुज में एक सैन्य अड्डे पर सैनिकों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की असफल कोशिश की। अपनी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेनाएं जब चाहें और जहां चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं।’’

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राजनाथ सिंह ने कहा, “ये भारतीय संस्कृति है कि जहां किसान हल की पूजा करता है लोहार अपने औजार के सामने हाथ जोड़ता है। विद्यार्थी अपने पुस्तकों को अपने मस्तक से लगाता है। हमारे यहां हथियारों को कभी भी केवल हिंसा का साधन नहीं माना गया है हमारे लिए शस्त्र केवल एक हथियार नहीं है बल्कि हम मानते हैं कि ये शस्त्र धर्म की स्थापना करने के लिए साधन है। जब हम शस्त्र की पूजा करते हैं तो उसके साथ ही ये संकल्प लेते हैं कि इस शक्ति का प्रयोग केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए किया जाएगा।”

ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, “माँ दुर्गा इस बात की प्रतीक हैं कि जब विभिन्न शक्तियाँ एकजुट होती हैं तभी राक्षसों का विनाश संभव है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना, ये तीनों सेवाएँ हमारी शक्ति के तीन स्तंभ हैं। जब ये तीनों सेवाएं एक साथ मिलकर काम करती हैं तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं। हमारी सरकार अपनी सेनाओं की एकजुटता पर लगातार ज़ोर दे रही है। यह हमारी सशस्त्र सेनाओं की एकजुटता ही थी जिसने रिकॉर्ड समय में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।”

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