Jammu-Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ ही दिनों का समय बचा हुआ है। राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रचार अभियान को धार देनी शुरू कर दी है। इसी बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रशासित प्रदेश में उमर अब्दुल्ला के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वे आतंकियों के साथ में सहानुभूति रखते हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि नेशनल कॉफ्रेंस के लीडर उमर अब्दुला ने कहा है कि संसद पर हमला करने के मास्टर मांइड अफजल गुरू को फांसी नहीं होनी चाहिए थी। उनसे पूछिए, लोकतंत्र के मंदिर पर हमला कराने के मास्ट माइंड अफजल गुरू को फांसी नहीं तो क्या सार्वजनिक रूप से माला पहनानी चाहिए थी। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कर रही है, लेकिन पिछले पांच सालों में 40,000 नौकरियां पैदा हुई हैं।

कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटना नहीं हुई

रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2022 के बाद से कश्मीर घाटी में ऑर्गनाइज्ड पत्थरबाजी की एक भी घटना नहीं हुई है। इसके बावजूद नेशनल कॉफ्रेंस जैसी पार्टियां यह कह रही हैं कि सरकार बनी तो धारा 370 फिर से लाएंगे। कहां ले जाना चाहते हैं यह लोग। पहले कश्मीर घाटी में बहुत से नौजवानों के हाथों में रिवाल्वर और पिस्टल हुआ करता था, लेकिन अब उनके हाथों में लैपटॉप और कंप्यूटर है। यह बड़ा बदलाव आया है।

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जम्मू-कश्मीर को नेशनल कॉफ्रेंस और पीडीपी ने लूटा

जम्मू और कश्मीर को नेशनल कॉफ्रेंस और पीडीपी ने लूटा और इसे दीमक की तरह चाट गए हैं। चाहे कांग्रेस हो, नेशनल कांफ्रेंस हो या फिर पीडीपी इन सबके लिए जम्मू एवं कश्मीर सिर्फ एक एटीएम है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) के लोगों को भारत में शामिल होना चाहिए, हम उन्हें अपना मानते हैं।

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था

यह सारा का सारा विवाद नेशनल कॉफ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला के बयान के बाद में शुरू हुआ है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अफजल गुरु को फांसी देने के लिए इसकी जरूरत होती तो जम्मू-कश्मीर सरकार इसकी मंजूरी नहीं देती।