चीन के साथ जारी सीमा विवाद के मुद्दे पर आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ मीटिंग की। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सुरक्षाबलों को चीन के आक्रामक रुख का उसी की भाषा में जवाब देने का फैसला किया गया है। इसके लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दी गई है। इस साथ ही सेनाओं की किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को रूस के दौरे पर जा रहे हैं। रक्षामंत्री वहां रूस के विक्टरी डे परेड में बतौर अतिथि शामिल होंगे। चीन के साथ जारी विवाद के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के रूस दौरे को कूटनीतिक रुप से काफी अहम माना जा रहा है। ऐसी भी खबरें हैं कि मंगलवार को भारत-चीन और रूस के विदेश मंत्री एक वीडियो मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में सीमा पर जारी विवाद के शांतिपूर्ण हल के मुद्दे पर बात हो सकती है।

बता दें कि बीती 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद से एलएसी पर स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों तरफ सीमा के नजदीक फाइटर जेट की गतिविधियां देखी गई हैं। भारत ने लद्दाख में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने फाइटर जेट, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए हैं।

खबर आ रही है कि पैंगोंग त्सो इलाके में चीनी सेना ने एलएसी से 8 किलोमीटर का इलाका ब्लॉक कर लिया है और वहां बंकर बना लिए हैं। यहां ऊंचे स्थानों पर भी चीनी सैनिकों की तैनाती है।  हालांकि बातचीत के जरिए अभी भी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें चल रही हैं। अगले हफ्ते सैन्य स्तर की एक अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे।