रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार (26 नवंबर) को कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो वह दुश्मन की आंखें निकाल कर उसके हाथ में डाल देगा। गोवा के एल्डोना विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘हम लड़ने के लिए बेचैन नहीं होते, लेकिन यदि किसी ने देश पर बुरी नजर डाली तो हम उसकी आंखें निकालकर उसके हाथ में रख देंगे, हमारे पास इतनी ताकत है।’’ पर्रिकर ने कहा कि गोवा के लोग दुनिया को बता सकते हैं कि उन्होंने केंद्र में एक ऐसे शख्स को भेजा था जिसने दुश्मन के गाल पर करारा तमाचा जड़ा। तीन दिन पहले पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ स्तर की वार्ता के अनुरोध की तरफ इशारा करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘सीमा पर पिछले तीन दिनों से फायरिंग नहीं हुई है क्योंकि यदि वे (पाकिस्तान) एक बार फायरिंग करते हैं तो हम उन पर दो बार फायरिंग करते हैं। हम जैसे को तैसा के अंदाज में जवाब दे रहे हैं। जब उन्हें यह बात समझ आ गई तो उन्होंने हमसे अनुरोध किया कि हम इसे रोक दें ।’’ सशस्त्र बलों के पूरी तरह तैयार होने की बात पर जोर देते हुए पर्रिकर ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें सिखाया था कि ‘‘यदि तुम खरगोश के शिकार के लिए भी जाओ तो किसी बाघ को मारने के लिए तैयार रहो ।’’
इसके अलावा मनोहर पर्रिकर ने दावा किया कि केंद्र के नोटबंदी के कदम से मुंबई में सुपारी लेकर हत्या करने, हत्या, जबरन वसूली और मादक पदार्थों की तस्करी समेत अपराध के दर में भारी कमी आई है। पर्रिकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया फैसला ऐतिहासिक है। कालाधन, भ्रष्टाचार का धन, आतंक का वित्तपोषण और मादक पदार्थों से मिलने वाले धन को गहरा झटका लगा है।’’उन्होंने दावा किया, ‘‘मुंबई से मेरे एक मित्र बता रहे थे कि सुपारी लेकर की जाने वाली हत्याएं वहां घट गई हैं। सुपारी देने वालों की कमी नहीं है लेकिन देने के लिए पैसा नहीं है। पिछले 20 दिनों में मुंबई में हत्या की दर आधी हो गई है।’’
पर्रिकर ने आगे कहा, ‘‘मुंबई में जबरन वसूली की घटनाएं भी कम हो गई हैं। अगर कोई किसी बिल्डर के पास जाता है और धन वसूली का प्रयास करता है तो वह धन देने को तैयार है लेकिन उस धन का कोई मूल्य नहीं है क्योंकि वो पुराने नोट हैं। इसकी वजह से जो जबरन वसूली करना चाहते थे, उन्होंने भी इसे रोक दिया है। यहां तक कि गोवा में भी बिल्डरों से जबरन वसूली के प्रयास रुक गए हैं।’’
