देश में करीब 160 ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ यानी ‘सम’ विश्वविद्यालय हैं। इन विश्वविद्यालयों के नाम से जल्द ही ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ या ‘सम’ शब्द हट जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यूजीसी (सम विश्वविद्यालय संस्थान) विनिमय की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति अपनी रिपोर्ट कुछ ही सप्ताह में आयोग को सौंप देगी।
यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया कि हम सम विश्वविद्यालय विनियम की समीक्षा कर रहे हैं। हमारे यहां करीब 160 सम विश्वविद्यालय हैं लेकिन जो विद्यार्थी इन विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण होते हैं, वे नहीं कह सकते हैं कि वे विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण हुए हैं। क्योंकि उनके विश्वविद्यालय को ‘सम’ विश्वविद्यालय कहा जाता है। हम इस शब्द को निकालना चाहते हैं।
सबको हम विश्वविद्यालय कहेंगे। इससे विद्यार्थियों को बहुत फायदा होगा। कुमार ने बताया कि सम विश्वविद्यालयों से पढ़े हमारे विद्यार्थी जब विदेश में नौकरी या आगे की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं तो वे नहीं कह पाते हैं कि उन्होंने विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की है। सम विश्वविद्यालय किसी को कहना अच्छा नहीं लगता है। इसलिए हम सम विश्वविद्यालयों के नाम से जल्द ही सम शब्द निकाल देंगे। यानी सम विश्वविद्यालयों को भी विश्वविद्यालय ही कहा जाएगा।
यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि इसके अलावा हम निजी विश्वविद्यालय विनियम की भी समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए भी एक समिति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में बड़ी संख्या में विद्यार्थी निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। इसलिए हमें निजी विश्वविद्यालयों को भी मजबूत करना है। कुमार ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता, दाखिला प्रक्रिया, शिक्षकों की भर्ती आदि को भी मानकों के अनुसार करना है। गौरलतब है कि दो साल पहले यूजीसी की ओर से सभी सम विश्वविद्यालयों को उनके नाम में केवल विश्वविद्यालय शब्द के उपयोग को लेकर मना किया गया था। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया गया था।