मध्य प्रदेश के इंदौर में गंदा पानी पीने से 30 से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए हैं। उल्टी-दस्त से आठ लोगों के मरने का दावा किया जा रहा है जबकि प्रशासन का कहना है कि डायरिया से केवल तीन मरीजों की जान गई है। मौतों और बीमार पड़ने की यह घटना भागीरथपुरा के इलाके में हुई है।

अफसरों का कहना है कि लोग बीमार किस वजह से हुए हैं, इसकी जांच की जा रही है। इंदौर को भारत का सबसे साफ शहरों में गिना जाता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव हसनी ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामलों में बढ़ोतरी होने की सूचना प्रशासन को दी गई। उन्होंने बताया कि लगभग 32 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

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पानी कै सैंपल इकट्ठा किए

डॉ. माधव हसनी ने बताया कि हमने मरीजों के घरों से पानी के सैंपल इकट्ठा किए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक दस्त के कारण किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को तत्काल मेडिकल सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

कैलाश विजयवर्गीय ने किया अस्पतालों का दौरा

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पतालों का दौरा किया और प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि भागीरथपुरा और आसपास के इलाकों से पानी के 70 से अधिक नमूने इकट्ठा किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

116 से ज्यादा लोग अभी भी बीमार – मेयर 

इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक तौर पर तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, मेरी जानकारी के अनुसार, बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या सात है। 36 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 116 से अधिक लोग अभी भी बीमार हैं। इंदौर नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार उनके साथ काम कर रहा है। हमारी प्राथमिकता यह है कि लोगों को अच्छा इलाज मिले और वे जल्दी स्वस्थ हों। मुख्यमंत्री ने भी इसका संज्ञान लिया है।”

स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने बुधवार को बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में नंदलाल पाल (70), उर्मिला यादव (60) और तारा कोरी (65) की डायरिया से मृत्यु हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मौतों पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की घोषणा की है।

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150 लोगों ने की उल्टी और दस्त की शिकायत

भागीरथपुरा के लोगों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में इलाके के लगभग 150 लोगों ने उल्टी और दस्त की शिकायत की है। अधिकारियों ने कहा कि पानी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की जांच की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि क्या पाइपलाइन की क्षति, पास में खुदाई या किसी दूषित पानी की टंकी के कारण हुआ है या नहीं।

अफसरों ने बताया कि पानी की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पानी गंदा होने की वजह क्या है? क्या ऐसा पाइपलाइन के फटने, आसपास खुदाई होने या पानी की टंकी में किसी खराबी की वजह से हुआ।

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