शतरंज चैम्पियन और राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त मलिका हांडा पंजाब सरकार के रवैये से परेशान है। शतरंज में सात बार नेशनल चैम्पियनशिप जीतने वाली मूक बधिर खिलाड़ी मलिका हांडा ने रविवार को चन्नी सरकार पर जमकर हमला किया और सरकार के उदासीन रवैये को लेकर जमकर अपना गुबार निकाला।
मलिका हांडा ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो जीती हुई ट्रॉफी और मेडल दिखाकर अपना विरोध जता रही है। इस वीडियो में वो कुछ बोलने की भी कोशिश कर रही हैं। इस वीडियो में उनका गुस्सा साफ़ दिख सकता है कि सरकार से वो कितनी नाराज हैं। दुनिया भर में देश का नाम बढ़ाने वाली दिव्यांग खिलाड़ी मलिका हांडा को न ही पंजाब सरकार की तरफ से जॉब मिली है और न ही कैश प्राइज मिला है।
रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किए गए वीडियो में उन्होंने एक पोस्ट भी लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं बहुत आहत महसूस कर रही हूं। 31 दिसंबर को मैं पंजाब के खेल मंत्री से मिली। लेकिन अब उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नौकरी नहीं दे सकती है और न ही नकद पुरस्कार दे सकती है क्योंकि उनके पास मूक बधिर खेलों के लिए नीति नहीं है। पूर्व खेल मंत्री ने मेरे लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की थी, मेरे पास उसका निमंत्रण पत्र भी है जिसमें मुझे आमंत्रित किया गया था लेकिन कोरोना के कारण उसे रद्द कर दिया गया था।
आगे मलिका हांडा ने लिखा कि यह बात जब मैंने खेल मंत्री परगट सिंह को बताई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह घोषणा पूर्व मंत्री ने की थी मैंने नहीं की। सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती। मैं सिर्फ यह पूछ रही हूं कि आखिर इसकी घोषणा क्यों की गई। कांग्रेस सरकार ने पांच साल तक मेरा समय बर्बाद किया। उन्होंने मुझे बेवकूफ बनाया, वे बधिर व्यक्ति के खेल की परवाह नहीं करते। जिला कांग्रेस ने भी मेरा समर्थन किया और वादा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आखिर पंजाब सरकार ऐसा क्यों कर रही है?
जालंधर की रहने वाली शतरंज चैम्पियन व मूक बधिर खिलाड़ी मलिका हांडा ने 2010 से शतरंज खेलना शुरू किया। वे छह बार वर्ल्ड और एशियन चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं। मलिका ने 7 बार नेशनल चैम्पियनशिप में अपना परचम लहराया है। मलिका काफी समय से पंजाब सरकार से मदद की गुहार लगा रही है लेकिन मलिका की कोई सुनवाई नहीं हुई है। वो पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिलकर भी अपनी उपलब्धियां बता चुकी हैं लेकिन अबतक कोई मदद नहीं मिली है।