कानपुर के हैलट अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने शव को डॉक्टर की टेबल पर रख दिया। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीज की मौत हुई। पुलिस ने मामले में दखल दिया तब स्थिति संभल सकी।
जानकारी के अनुसार मरीज हैलट अस्पताल में भरती कराया गया था। उसकी गुरुवार सुबह मौत हो गई। परिजनों ने मृत्यु के बाद अस्पताल प्रशासन पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि अस्पताल में ऑक्सीजन जैसी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। उनका आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ही उनके मरीज ने उपचार के दौरान दम तोड़ा।
#NewsAlert | Body of a deceased Covid patient placed on the doctor's desk by kin, who allegedly blame the doctor for the patient's death.
Details by Amir Haque. | #JantaMangeJawaab pic.twitter.com/zF6LKuJNh3
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#BreakingNews | यूपी के मुरादाबाद में 15 से ज्यादा मरीजों की मौत, ऑक्सीजन की कमी से मौत का आरोप
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— India TV (@indiatvnews) April 29, 2021
परिजनों ने अस्पताल में काफी हुड़दंग मचाया। वो शव को डॉक्टर की टेबल पर रखकर उनसे जवाब मांग रहे थे। जवाब नहीं मिला तो कमरे में तोड़फोड़ शुरू कर दी गई। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आकर मामले को शांत कराया। परिजन पुलिस से डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना की जा रही है। अभी स्थिति शांत है।
गौरतलब है कि यूपी में सिस्टम बुरी तरह से दम तोड़ रहा है। यहां वहां इलाज के बगैर मरीज दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में न तो जरूरी सुविधाएं हैं और न ही दवाएं। यहां तक कि अस्पताल मरीजों को दाखिल करने से भी मना कर रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार अपनी पीठ थपथपाते नहीं अघा रही है कि सब कुछ बेहतरीन मोड में है।
यूपी के मुरादाबाद के एक अस्पताल में भी इसी तरह की स्थिति बनती दिखी। यहां पर 15 मरीजों की मौत गुरुवार को हो गई। लोगों का कहना है कि मौत ऑक्सीजन के अभाव में हुई। जबकि अस्पताल की तरफ से इससे इनकार किया गया गहै। उनका कहना है कि मौत किस तकनीकी कारणों की वजह से हुई, इसकी जांच हो रही है। उनका कहना है कि सीएमओ की टीम जांच के लिए अस्पताल में आ रही है। एक बार सारी मौतों की पड़ताल हो जाए, तभी कुछ कहा जा सकता है कि मौत का कारण क्या था।