भारत में राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे के लिए 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी बॉन्ड) की शुरुआत हुई। भाजपा और कांग्रेस सहित देश के सभी प्रमुख सात दलों ने राजनीतिक फंडिंग के लिए चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल किया। साल 2018-19 में इन राजनीतिक पार्टिंयों में मिले कुल चंदे का दो-तिहाई हिस्सा चुनावी बॉन्ड से ही प्राप्त हुआ है। लेकिन इसमें एक दिलचस्प बात ये कि इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा लेने के मामले में कई दलों ने कांग्रेस और भाजपा को पछाड़ दिया है।
दो राष्ट्रीय और पांच राज्य स्तरीय पार्टियों के वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया। यह विश्लेषण कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सीएचआरआई) के वेंकटेश नाईक ने किया। जिन पार्टियों का विश्लेषण किया गया है, उसमें भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, बीजद, जनता दल (एस), टीआरएस और वाईएसआरसीपी शामिल है। विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि उन पार्टियों को कुल 3,696 करोड़ रुपये कॉरपोरेशन, व्यक्ति विशेष, इलेक्टोरल ट्रस्ट और इलेक्टोरल बॉन्ड्स से मिले हैं। हालांकि, इनमें से 65.51 फीसदी डोनेशन अकेले चुनावी बॉन्ड से है।
व्यक्तिगत रूप से भी सात राजनीतिक दलों में से हर किसी पार्टी को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कुल डोनेशन का आधे से ज्यादा मिला। अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच इन सभी पार्टियों को मिले कुल डोनेशन का 55 प्रतिशत और 87 प्रतिशत के बीच का हिस्सा इलेक्टोरल बॉन्ड से प्राप्त हुआ है।
नाइक ने कहा कि इन सात राजनीतिक दलों को कुल दान के लिए बॉन्ड के तुलनात्मक विश्लेषण के लिए चुना गया था क्योंकि वे केवल वही हैं जिन्होंने 2018-19 में चुनावी बॉन्ड से डोनेशन मिलने की घोषणा की। चुनावी बॉन्ड की तेरहवीं किश्त की बिक्री सोमवार से शुरू हुई और यह भारतीय स्टेट बैंक की 29 शाखाओं के माध्यम से 22 जनवरी तक जारी रहेगी।
राजनीतिक फंडिंग में इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत की वजह से प्रत्यक्ष रूप से किए गए डोनेशन में तेजी से कमी आई है। कॉरपोरेशन से मिले 20 हजार से ज्यादा के चंदे को राजनीतिक पार्टियों को अलग से दिखाना पड़ता है। सिर्फ कांग्रेस, टीआरएस और वाईएसआरसीपी ने कंपनियों से मिले सीधे चंदे को दिखाया है।
कांग्रेस को कॉरपोरेशन से जहां कुल 3.74 प्रतिशत डोनेशन मिला है वहीं टीआरएस और वाईएसआरसीपी के लिए यह आंकड़ा क्रमशः 8.11 प्रतिशत और 10 प्रतिशत रहा। इसके अलावा केवल कांग्रेस, टीआरएस, वाईएसआरसीपी और बीजेडी ने घोषणा की है कि उन्हें इलेक्टोरल ट्रस्टों से डोनेशन मिला है।
2017 के केंद्रीय बजट में घोषित इलेक्टोरल बॉन्ड ‘इंटरेस्ट फ्री बीयरर बॉन्ड’ हैं जो राजनीतिक दलों को गुमनाम रूप से धन देने लिए उपयोग किए जाते हैं। बॉन्ड एक हजार रुपये, 10 हजार रुपये, एक लाख रुपये, 10 लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के गुणकों में जारी किए जाते हैं और SBI उन्हें बेचने के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक है। दानकर्ता अपनी पसंद की पार्टी को बॉन्ड दान कर सकते हैं, जिसे 15 दिनों के भीतर अपने सत्यापित खाते के माध्यम से पार्टी प्राप्त कर सकती है।
हालांकि, सभी राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से डोनेशन नहीं मिला है। 2018-19 के दौरान जद (यू), आप, एआईएडीएमके, टीडीपी, आरजेडी, डीएमके, एसएडी, सीपीआई, सीपीआई-एम, एनसीपी, एसपी और बीएसपी को बॉन्ड के माध्यम से किसी तरह का चंदा नहीं मिला है। हालांकि इन पार्टियों को अन्य माध्यमों से करोड़ों रुपये मिले हैं।