उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं को एक मंदिर में पूजा करने से रोका गया जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने से रोका गया और मंदिर के पुजारियों ने शिवलिंग वाले कमरे पर ताला भी लगा दिया। शिकायत दर्ज करने वाली महिलाओं के नाम गीता देवी, अनीता देवी और कविता देवी है। मामला रामपुर जिले के गांगापुर कादिम गांव का है। आरोप है कि मंदिर में अगड़ी जाति के लोगों ने महिलाओं से कहा कि मंदिर में दलित की एंट्री नहीं होती।
महिलाओं ने अपनी शिकायत में कहा ‘मंदिर कमेटी के अगड़ी जाति के सदस्यों ने हमें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। जहां पर शिवलिंग रखा गया है वहां जाने से भी रोका गया। इस दौरान उन्होंने हमसे कहा कि भविष्य में भी किसी दलित को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। शिशुपाल सिंह, सोहन लाल, धर्मपाल सिंह और जयवीर सिंह ने हमें रोका। हम आमतौर पर इसी मंदिर में पूजा करते रहे हैं लेकिन रविवार को हमें याद दिलाया गया कि हम दलित समुदाय से हैं और भविष्य में कभी मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी।’
यही नहीं महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शिशुपाल और उनके साथियों ने मिलकर मंदिर की उस जगह पर ताला लगा दिया जहां पर शिवलिंग रखा गया है। इस दौरान उन्होंने हमसे जमकर बहस भी की। वहीं अपने ऊपर लग रहे इन आरोपों को शिशुपाल ने झूठ करार दिया है। उन्होंने कहा कि ‘हां हमने मंदिर में शराबियों को एंट्री देने से रोका था। ये महिलाएं उन शराबियों के परिवार की हैं इसलिए हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।’
बता दें कि गंगापुर कादिम में 50 परिवार रहते हैं लेकिन इनमें सिर्फ दो परिवार दलित समुदाय के हैं। ये दो परिवार गांव के बाहरी इलाके में रहते हैं जबकि मंदिर गांव के बीच में स्थित है। ‘द टेलीग्राफ’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा ‘हमें मंदिर के एक हिस्से (जहां पर गुरु गोरखनाथ महाराज की मूर्ति) में एंट्री दी गई लेकिन जब हम शिव के दर्शन करने के लिए आगे बढ़े तो मंदिर कमेटी ने हमें रोक दिया। इस दौरान उन्होंने हमसे कहा कि बीते दिनों यह फैसला लिया गया है कि अब सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को ही शिव मंदिर परिसर में जाने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने हमसे कहा कि अब तक जो होता आया अब वह भविष्य में नहीं होगा।’
वहीं इस मामले के तूल पकड़ते ही स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है। इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रविवार देर रात दलित समुदाय के दो दर्जन से ज्यादा लोग मंदिर परिसर के बाहर विरोध करते नजर आए थे। रामपुर पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने कहा है कि ‘हमने इलाके में किसी तरह के टकराव और हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया है। और महिलाओं के इन आरोपों पर जांच शुरू कर दी है।’