विद्युत और गैर-पारंपरिक ऊर्जा जैसे मुख्य विभाग में काम कर चुके केरल के 2012  बैच के आईएएस  अधिकारी ने नौकरी छोड़ दी है। दादर नगर हवेली  में कार्यरत इस आईएएस ने बुधवार को अपने त्यागपत्र सौंप दिया। दिल्ली सचिवालय  को त्यागपत्र लिखकर कानन ने इस बात की जानकारी दी कि वह नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि उनके इस्तीफा देने  की वजह साफ नहीं हो पाई है लेकिन उन्होंने इशारों में यह जाहिर किया है कि ड्यूटी के दौरान उनकी आवाज दबाई जा रही है। एक मलयालम न्यूज चैनल को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि हम जैसे कई लोग इस पेशे में आते हैं ताकि हम जिसकी सेवा कर रहे हैं उनकी आवाज बन सकें। मुझे जब एहसास हुआ कि मेरा आवाज दबाई जा रही है या दबाने की कोशिश की जा रही है तो मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया।

अगर मैं काम ही नहीं कर सकता तो मुझे मेरे विवेक के मुताबिक अपनी बात रखने का हक है। इससे पहले 20 अगस्त को  उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि मुझे लगता था कि सिविल सर्विस में आकर आपको नागरिकों को उनकी आवाज बनने और उनका हक दिलाने का मौका मिलता है। कानन ने बिरला इंस्टीट्यूट  ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है।

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दादर नगर हवेली के जिलाधिकारी बनने से पहले  उन्होंने बतौर प्राइवेट इंजीनियर काम किया है। साल 2012 में उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा में 59वीं रैंक हासिल की थी। केरल में आई पिछले साल बाढ़ के दौरान राहत कार्य में हिस्सा लेते हुए कानन काफी चर्चा में आए थे। वह राहत सामाग्री खुद कंधों पर लादे लोगों की मदद करते नजर आए थे जिसके बाद कानन की काफी तारीफ हुई थी। बतौर जिलाधिकारी उन्होंने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में एक करोड़ का चेक भी दिया था।