रिलायंस रिटेल ब्रांड के साथ रिटेल बिजने में उतरने वाले मुकेश अंबानी ने हाल ही में बिग बाजार के स्वामित्व वाले फ्यूचर रिटेल को खरीद लिया है। जिसके बाद देश के अनुमानित 635 बिलियन डॉलर के रिटेल बिजनेस में मुकेश अंबानी का दबदबा काफी मजबूत हो गया है। वहीं मुकेश अंबानी को अब रिटेल सेक्टर में सिर्फ राधाकृष्ण दमानी से ही टक्कर मिल सकती है। बता दें कि राधाकृष्ण दमानी रिटेल चेन डी मार्ट के मालिक हैं।
गौरतलब है कि राधाकृष्ण दमानी भी देश के अरबपतियों की सूची में शामिल हैं। दमानी का सफर काफी प्रेरक रहा है। कॉलेज ड्रॉप आउट दमानी ने शेयर ब्रोकर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन अपनी समझ-बूझ और शेयर मार्केट पर पकड़ के चलते वह आज अरबपति बन गए हैं। डी-मार्ट के स्वामित्व वाली एवेन्यू सुपरमार्केट में दमानी परिवार के 82 फीसदी शेयर हैं। मुंबई में रहने वाले दमानी के पास 17 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है।
कौन हैं दमानीः आर.दमानी के परिवार का बॉल बीयरिंग का बिजनेस था लेकिन पारिवारिक बिजनेस संभालने के बजाय दमानी ने 80 के दशक में कॉलेज छोड़कर शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू किया। दमानी ने शेयर मार्केट में लंबे समय के लिए पैसा लगाया, जब कंपनी के शेयरों में उछाल आया तो उसके चलते दमानी की दौलत में खासा इजाफा हुआ।
दमानी को लोग प्यार से ‘मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट’ भी बुलाते हैं क्योंकि वह अधिकतर सफेद रंग के कपड़े ही पहनते हैं। दमानी सार्वजनिक तौर पर कम ही दिखाई देते हैं और मीडिया से भी बेहद कम बात ही करते हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि जब शेयर मार्केट हर्षद मेहता घोटाले से हिल गया था, तब आर.दमानी ने बड़ी ही चतुराई से अपने शेयर समय पर बेच दिए थे और तगड़ा मुनाफा कमाया था।
दमानी ने साल 1999 में ‘अपना बाजार’ फ्रेंचाइजी को खरीदा था और सिर्फ दो साल में डी-मार्ट की स्थापना कर दी थी। इकोनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आर दमानी शेयर मार्केट में लंबे समय के लिए निवेश करने के लिए जाने जाते हैं। यही फार्मूला उन्होंने डी-मार्ट के लिए भी अपनाया है। यही वजह है कि जहां किशोर बियानी ने बिग बाजार को पूरे देश में बड़ी ही तेजी से फैला दिया था, वहीं डी मार्ट के आज भी पूरे देश में केवल 214 स्टोर्स हैं। साथ ही दमानी डी मार्ट का आउटलेट खोलने के लिए जमीन लीज पर लेने के बजाय उसे खरीदने पर ज्यादा फोकस करते हैं।
रिलायंस रिटेल और डी मार्ट की टक्करः भारत के रिटेल बिजनेस में अब इन दोनों कंपनियों की टक्कर और बिजनेस मॉडल पर सभी की नजरें रहेंगी। बाजार पूंजीकरण के मामले में रिलायंस रिटेल डी मार्ट से काफी आगे है। बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, डी मार्ट का बाजार पूंजीकरण 1.45 लाख करोड़ रुपए है। वहीं रिलायंस रिटेल का बाजार पूंजीकरण 3-4 लाख करोड़ रुपए आंका गया है।
स्टोर्स के मामले में भी डी मार्ट रिलायंस से काफी पीछे है। डी मार्ट के जहां देश के 69 शहरों में 214 स्टोर्स ही हैं। वहीं रिलायंस रिटेल के देश के 6700 शहरों में 11,784 रिटेल स्टोर्स हैं। अब इसमें बिग बाजार के 1500 स्टोर भी शामिल हो गए हैं। डी मार्ट के राजस्व का बड़ा हिस्सा खाने-पीने और ग्रोसरी के सामान की बिक्री से आता है। वहीं रिलायंस ग्रोसरी, इलेक्ट्रिकल, गारमेंट समेत अधिकतर रिटेल बिजनेस में अपने पैर जमा चुकी है।
हालांकि डी मार्ट की ताकत किराना स्टोर्स को बेहतरीन डिस्काउंट के साथ क्रेडिट सामान देने की है, जिसके चलते उसका एक बड़ा ग्राहक वर्ग है। मध्यम वर्गीय भारतीयों के लिए भी डी मार्ट एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। हालांकि अब बिग बाजार के अधिग्रहण से मुकेश अंबानी डी मार्ट के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं, क्योंकि बिग बाजार की भारतीय मध्यम वर्ग में तगड़ी पकड़ मानी जाती है।
