Odisha Cyclone Titli: चक्रवाती तूफान तितली के कारण गुरुवार (11 अक्टूबर) दोपहर तक आंध्र प्रदेश में आठ लोगों की जान चली गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के हवाले से पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया कि भयंकर रूप ले चुके तूफान के कारण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिले में कुल आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि ओडिशा में समय रहते तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी आंध्र प्रदेश में गुरुवार को 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी हिस्से में दबाव बनने लगा, जिसको ध्यान में रखकर मछुआरों को समुद्र तटों के पास न जाने की सलाह दी गई है। हालांकि, हवा की रफ्तार में गिरावट आई। लेकिन आज शाम या रात तक ये और तेज हो सकती है।
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तितली तूफान सुबह ओडिशा के समुद्र तट से टकराया था। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने सभी जिलों में प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। बकौल नायडू, "अब से हर घंटा बेहद अहम है। राहत-बचाव कार्य और कम्युनिकेशन नेटवर्क को पुनःस्थापित करने पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। अन्य जरूरी चीजों का भी ख्याल रखा जाए, ताकि संक्रामक बीमारियां न फैलें।"
रांची में मौसम विभाग केंद्र के निदेशक बीके मंडल ने बताया कि तितली तूफान के कारण झारखंड के उत्तरी-पूर्वी जिलों में मौसम बदला है। शुक्रवार (12 अक्टूबर) को रांची के आसपास के इलाकों में बारिश होगी।
आंध्र में तितली तूफान 8 की जान ले चुका है। पर ओडिशा में अभी तक इसके कारण कोई खासा नुकसान नहीं हुआ है। ओडिशा सरकार ने इसी संबंध में दावा किया कि उसने 'मिशन जीरो कैजुअल्टी' के लक्ष्य को हासिल कर लिया, जिसका ऐलान राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश की आशंका के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया था।
चक्रवाती तूफान के कारण छत्तीसगढ़ से लेकर गोवा जैसे राज्य भी अलर्ट पर हैं। मौसम विभाग ने दिल्ली और यूपी से सटे उत्तराखंड में भी तूफान का अलर्ट जारी कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के सात जिलों में सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में इस वक्त बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं।
आंध्र प्रदेश में तितली तूफान के चलते सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। तेज हवाओं की वजह से जगह-जगह पेड़ और पोल गिरे हैं, लिहाजा रास्ते बाधित हुए हैं। राज्य सड़क परिवहन निगम ने इसी कारण बस सेवा रोक रखी है। परिवहन मंत्री के.अचानायडू घटनास्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया।
देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली में मौसम शुष्क बना हुआ है, जबकि राजस्थान के अलवर जिले में हल्की-फुल्की बारिश हुई। आगे उत्तर प्रदेश के मथुरा और आगरा जिले में भी बारिश की खबर है।
बुधवार (10 अक्टूबर) को चक्रवात के खतरे को ध्यान में रखते हुए ओडिशा में रेल अलर्ट घोषित कर दिया गया था। राज्य में इसी को ध्यान में रखकर नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) की 15 टीमें और ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) की कई जगहों पर टीमें तैनात की गई हैं।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के अलावा उत्तराखंड में भी तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। यहां के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और चंपावत में तूफान, बारिश और ओवावृष्टि को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। पुलिस प्रशासन ने इस बाबत नदी, झरनों, तटों व उनके आसपास नहाने और सेल्फी लेने वाले स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया।
स्पेशल रिलीफ कमिशनर बिष्णुपद सेठी ने पत्रकारों को बताया, "चक्रवात के कारण अभी तक किसी की जान नहीं गई है। यह राहत की बात है। मिशन जीरो कैजुएल्टी हमने पा लिया।" उनके मुताबिक, सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश के स्तर की निगरानी कर रही है।
भारतीय तट रक्षक के अधिकारियों को आज सुबह गोपालपुर में एक डूबती नाव नजर आई। घटना के दौरान उस पर पांच मछुआरे सवार थे। पानी के तेज बहाव के कारण वह अचानक पलट गई थी। हालांकि, तट रक्षकों ने उन पांचों मछुआरों बचा लिया और बाद में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि तूफान को लेकर सरकार और प्रशासन अलर्ट हैं। समय आ चुका है, जब सभी को इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आगे आना पड़ेगा। मुझे यकीन है कि हम इसका सही तरीके से सामना करेंगे और सभी लोग उस दौरान योगदान देंगे।
'तितली' के बुधवार को ओडिशा की ओर आगे बढ़ने के दौरान बहरामपुर में तेज बारिश और हवाएं चलीं। आलम यह था कि कई इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में रात से बिजली भी गुल है। लोगों ने हवा के कारण गिरे पेड़, पोल और होर्डिंग-बैनर के फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।
बंगाल की खाड़ी पर बुधवार को चक्रवाती तूफान के बेहद प्रचंड रूप लेने और ओडिशा तट की ओर आगे बढ़ने के बाद ओडिशा सरकार ने पांच तटीय जिलों के निचले क्षेत्रों से तीन लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।