संस्कृति मंत्रालय के वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट का बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को मिला है। महाकुंभ के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कुंभ मेले के लिए आवंटित की गई रकम आज तक की सबसे बड़ी रकम है। एक महीने तक चलने वाला महाकुंभ 22 अप्रैल से शुरू होगा, जिसमें छह करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि महाकुंभ सरकार के लिए बेहद अहम है। जहां राज्य सरकार इसके लिए कोशिश कर रही है, वहीं हम लोग एक महीने तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं, इसे राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का नाम दिया गया है। देशभर से तीन हजार से ज्यादा कलाकारों को वहां प्रदर्शन करने के लिए बुलाया गया है। पूरे समारोह को 300 कलाकार कैनवास पर उतारेंगे। समारोह के बाद दिल्ली में उसकी बड़ी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
2016-17 के लिए संस्कृति मंत्रालय को आवंटित किए गए कुल बजट 2,500 करोड़ रुपए से 400 करोड़ रुपए मंत्रालय द्वारा संचालित सांस्कृतिक संस्थानों के लिए निर्धारित हैं। इनमें संगीत नाटक अकेडमी, ललित कला अकेडमी, साहित्य अकेडमी और आईजीएनसीए शामिल हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि एक समारोह के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित करने की वजह से इन संस्थानों की हिस्सेदारी में कटौती की जा सकती है। बाकी के 2,100 करोड़ रुपए एएसआई, म्यूजिम, लाइब्रेरियां, शताब्दी समारोह के लिए हैं।
मंत्रालय के एक ज्वाइंट सेक्रेट्री (नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर) ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले मंत्री ने मंत्रालय के कई संस्थानों द्वारा सार्वजनिक खर्च पर नियमित रूप से अपने शो के आयोजन के लिए अपनी मंडली के लोकप्रिय कलाकारों को बढ़ावा देने पर नाराजगी व्यक्त की थी। मुझे लकता है कि महाकुंभ का इतनी बड़ी राशि इसी वजह से दी गई है।
मंत्री महेश शर्मा ने साथ ही कहा कि ना केवल संस्कृति मंत्रालय, मेरे अंडर में आने वाले अन्य दो मंत्रालय पर्यटन और सिविल एविएशन भी प्रमुख रूप से उज्जैन मेले में शामिल हैं।