मवेशी व्यापारियों और किसानों के दवाब में आकर केंद्र सरकार द्वारा मई में जारी किए गए उस नोटिफिकेशन का वापस लिया जा रहा है जिसमें काटने के लिए जानवरों की बिक्री पर बैन लगाने की बात कही गई थी। इसका असर देशभर के जानवरों के बाजार में देखने को मिला था लेकिन अब सरकार अपने इस फैसले को वापस ले रही है। छह महीने पहले आलोचनाओं से घिरे रहने के बावजूद सरकार ने यह हवाला देते हुए बैन की पैरवी की थी कि जानवरों को काटने के लिए उसकी ब्रिकी पर प्रतिबंध लगाने पर जानवरों के खिलाफ क्रूरता कम होगी। सरकार ने कितने ही दावे क्यों न किए हो लेकिन जमीनी स्तर पर पिछले महीनों में कुछ नहीं बदला है। टाइम्स नाउ के हाथ एक वीडियो टप लगा है जिसमें बीफ के लिए गाय को बेरहमी से काटते हुए दिखाया गया है।

यह स्टिंग ऑपरेशन एनिमल राइट्स ग्रुप द्वारा किया गया है। इस वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि जनवरों की रक्षा करना केवल आर्थिक गतिविधि के लिए रह गया है। यह वीडियो लाभ के लिए इंसानों द्वारा जानवरों पर होती क्रूरता को बयां करता है। पहले टेप में आप देख सकते हैं कि एक बुल को काटने के लिए लाया जाता है। कसाई बुल के माथे पर हथौड़े से बेदर्दी से वार कर देताहै। सिर पर लगी चोट के कारण बुल दर्द से तड़पता हुआ जमीन पर गिर जाता है। इसके बाद  कुछ लोगों के स्वाद के लिए इस बुल को मौत के घाट उतार दिया जाता है।

दूसरे टेप में आप साफतौर पर देख सकते हैं कि कैसे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक जानवर को दूसरे जानवरों के सामने बेरहमी से काट दिया जाता है जो कि सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के खिलाफ है। वहीं तीसरे टेप में आप देख सकते हैं कि कैसे कसाई मवेशियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। मवेशियों को डंडो और चैन से पीटा जा रहा है। उनकी हड्डियां टूट गई हैं और उनकी आंखे बाहर आ गई हैं। इस तरह जानवरों के साथ होती क्रूरता के बाद कई सवाल खड़े होते हैं।