माकपा पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खोई हुई ताकत को फिर से पाने की कोशिश में है। पार्टी ने रविवार को कहा कि वह बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता और तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करेगी। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने जहां तृणमूल कांग्रेस पर संसद में भाजपा के साथ मैच-फिक्सिंग का आरोप लगाया, वहीं पार्टी नेता सूर्यकांत मिश्रा ने कहा-हमने केंद्र में भाजपा सरकार के 18 महीने देखे हैं, यही गुपचुप समझौता हमने खासतौर पर आर्थिक नीतियों पर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साढ़े चार साल के शासन में देखा है।

येचुरी ने यहां पत्रकारों से कहा कि देशभर में संघ-भाजपा की फैलाई जा रही नफरत और बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता के खिलाफ वाम दल दिसंबर के पहले हफ्ते में राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभियान में सभाएं और विरोध प्रदर्शन शामिल होंगे, जिनका समापन 27 दिसंबर को कोलकाता में एक बड़ी रैली के साथ होगा। जहां माकपा खुद को मजबूत करने के रास्ते तलाशने के लिए पांच दिन का सांगठनिक मंथन शुरू करेगी।

पश्चिम बंगाल से पोलित ब्यूरो में अपने सहयोगियों विमान बसु और मोहम्मद सलीम के साथ येचुरी ने कहा कि पांच दिवसीय आयोजन में 436 प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी संगठन पर, उसकी कमजोरियों पर और उसमें नई जान डालने से संबंधित एक रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी और इस विषय पर एक विस्तृत प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जो आने वाले दिनों में माकपा की गतिविधियां तय करेगा।

माकपा नेता ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान बंगाल के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 11300 जनसभाएं होंगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तृणमूल कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार के हिंसा, धमकाने और आतंक के जरिए लोकतंत्र पर जारी हमलों को रोकना है।