शीतकालीन सत्र से पहले 28 नवंबर को सरकार और राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच एक बैठक हुई। इसमें शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार संसद में स्वस्थ चर्चा चाहती है। वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी कि सत्र 25 दिनों की अवधि में कुल 19 बैठकें प्रदान करेगा।

इस बैठक में पूर्व पत्रकार और मौजूदा सीपीआई(एम) राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने पूराने दिनों को याद करते हुए संसदीय कार्यवाही में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी समेत राजनाथ सिंह की उपस्थिति और उनके द्वारा विपक्षी नेताओं को धैर्यपूर्वक सुनने का जिक्र किया। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में अधिक मौजूद ना रहने का भी जिक्र किया।

उन्होंने सदन में उपस्थिति को लेकर याद किया कि अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी और राजनाथ सिंह किस तरह से सत्र को चलाते थे और विपक्षी नेताओं की सम्मान करते थे।। उन्होंने कहा, ‘लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित संसद नहीं आते हैं।’ इसपर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बचाव करने की कोशिश में उन्हें टोकना चाहा तो ब्रिटास ने कहा कि प्रह्लाद जी, राजनाथ सिंह जी धैर्यपूर्वक सुन रहे हैं। इस पर जोशी झेंप गए।

बता दें कि इस सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और जोशी ने भाग लिया। इसके अलावा संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और ए.वी. मुरलीधरन भी बैठक में शामिल हुए थे। वहीं इस बैठक में भाजपा के अलावा कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआरसीपी, जद (यू), बीजद, बसपा, टीआरएस, शिवसेना, राकांपा, समाजवादी पार्टी सहित तीस दलों के नेता मौजूद थे।

इस मौके पर जोशी ने जानकारी दी कि शीतकालीन सत्र के दौरान अस्थायी रूप से 37 आइटम, जिनमें 36 बिल और 1 वित्तीय आइटम शामिल हैं। वहीं संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति के तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपने संसदीय दल की बैठक में पार्टी के सांसदों की अधिक से अधिक संख्या में उपस्थिति पर जोर दिया और उन्हें विपक्ष का मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आने को कहा है।