केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि किसी को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से डरने की जरूरत नहीं है और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसपर बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा था कि बंगाल में इसकी कोई जगह नहीं। असम के दिग्गज मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने भी कहा है कि एनआरसी का मौजूदा स्वरुप उन्हें भी स्वीकार नहीं है। इसपर न्यूज़ चैनल आज तक पर एक बहस हो रही थी। उस दौरान सीपीआई के नेता ने मुसलमानों को एनआरसी लिस्ट में नाम दर्ज न कराने की सलाह दी। सीपीआई नेता की इस बात पर भाजपा प्रवक्ता भड़क उठे और उन्होंने सीपीआई नेता से पूछा कि मुसलमान क्या कानून से ऊपर हैं?
आज तक के दंगल कार्यक्रम में एनआरसी पर बहस हो रही थी। इसपर एंकर रोहित सरदाना ने सीपीआई नेता से पूछा कि घुसपैठियों की गिनती से आप को क्या दिक्कत है? इस पर सीपीआई नेता अमीर हैदर ज़ैदी ने कहा “घुसपैठियों की गिनती से किसी भी देश के नागरिक को आपत्ति नहीं है। आपत्ति इस बात से है कि ये धर्म देख कर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया कह रहे हैं कि हम कानूनी सहायता देंगे लेकिन धर्म देख कर।
इसपर भाटिया ने कहा कि किसने बोला ऐसा? मैंने ऐसा नहीं बोला। क्या मैंने ये बात बोली कि कानूनी सहायता देंगे धर्म के आधार पर? गलत बात मत बोलिए। इसपर सीपीआई नेता ने कहा “मैं इस लिए कह रहा हूं कि धर्म देख के क्योंकि जब गृहमंत्री अपने एक बयान में यह कहते हैं कि 19 लाख जो असम के अंदर घुसपैठिये घोषित करे गए हैं उन मैंने 12 लाख को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि वे हिन्दू हैं और गृहमंत्री ने कहा हम नागरिक संशोधन बिल लेकर आ रहे हैं, हिन्दू, सीख, ईसाई और जैन इन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। इन्हें हम देश की नागरिकता देंगे।
इसपर सीपीआई नेता ने कहा कि एक मुसलमान होने के नाते मैं एनआरसी में अपना नाम रजिस्टर करने नहीं जाऊंगा और मैं सभी मुस्लिमों से अपील करता हूं कि वे भी लिस्ट में नाम दर्ज करने ना जायें। इसपर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ये हिन्दू मुस्लिम क्या है? नहीं जाएगा मतलब क्या है। कानून से ऊपर है मुसलमान। बता दें इन दिनों देश में एनआरसी का मुद्दा गरमाया हुआ है। गृहमंत्री अमित शाह ने असम के बाद अब एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की बात कही है।
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