C. P. Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सी.पी. राधाकृष्णन के भारत के उपराष्ट्रपति चुने जाने के कारण अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अब अपने कर्तव्यों के साथ-साथ महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है।

मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) उपराष्ट्रपति चुने गए। सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। वहीं इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी (B. Sudarshan Reddy) को 300 वोट मिले। इस बड़ी जीत के साथ सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें निर्वाचित हुए। 9 सितंबर को संपन्न हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 सांसदों ने वोट डाला। इन 767 वोटों में से 15 वोट रद हो गए।

सीपी राधाकृष्णन को मिले 452 वोट

राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि NDA उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले।

जगदीप धनखड़ से कितनी अलग राधाकृष्णन की जीत

उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन ने भारी मतों से जीत दर्ज की, लेकिन जगदीप धनखड़ जैसी मार्जिन हासिल नहीं कर सके। 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ मैदान में थे, जिनके सामने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा उतरी थीं। धनखड़ को 528 (74.37 फीसदी) वोट मिले थे तो अल्वा को 182 (25.63 फीसदी) मत मिले थे। इस तरह धनखड़ ने 346 वोटों से उपराष्ट्रपति चुनाव जीता था, लेकिन उन्होंने अचानक 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया था, जिनके सामने ‘इंडिया’ ब्लॉक ने पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी पर दांव खेला था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने दक्षिण भारत से उम्मीदवार उतारे। राधाकृष्णन को 452 (60 फीसदी) वोट मिले हैं, जबकि ‘इंडिया’ ब्लॉक के बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 (40 फीसदी) वोट मिले। इस तरह राधाकृष्णन ने रेड्डी को 152 वोटों से चुनाव हराया।

राधाकृष्णन को कुल वैध मतों का 60 फीसदी वोट मिला, तो जगदीप धनखड़ को 2022 के चुनाव में कुल वैध मतों का 74.36 फीसदी मिला था। इस तरह धनखड़ से 14 फीसदी कम वोट राधाकृष्णन को मिले हैं।धनखड़ की जीत की मार्जिन 346 वोटों की थी तो राधाकृष्णन को 152 वोटों से जीत मिली।धनखड़ से 76 वोट कम राधाकृष्णन को मिले हैं। इस अंतर के पीछे सियासी वजहें हैं, 2024 के लोकसभा चुनाव से सांसद सदस्यों का गणित बदल गया है। इसके अलावा विपक्ष पहले से ज्यादा एकजुट रहा।

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