दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFFSO यूनिट ने कोविन पोर्टल से कथित डेटा लीक मामले में बिहार से एक शख्स को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए शख्स ने ही  कोविन पोर्टल का डेटा टेलीग्राम पर डाला था। पुलिस इस मामले की जांच के दौरान व्यक्ति को तलाश रही थी। 

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार व्यक्ति ने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर समझौता किए गए डेटा को साझा किया है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कोविन पोर्टल के संदिग्ध डेटा उल्लंघन के संबंध में एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया है।

गिरफ्तार व्यक्ति की मां है हैल्थ वर्कर 

दिल्ली पुलिस ने शुरुआती जानकारी में साझा किया है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की मां बिहार में स्वास्थ्य वर्कर के तौर पर काम करती है। मामले के संबंध में अधिक जानकारी फिलहाल सामने नहीं आ पाई है। 

इससे पहले 15 जून को संचार और आईटी पर संसदीय समिति ने नागरिकों की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता पर चर्चा के लिए बैठक की थी। CoWIN पोर्टल से डेटा के कथित उल्लंघन में जांच की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, सरकारी अधिकारियों ने कहा कि बॉट्स द्वारा लीक किया गया डेटा कई स्रोतों से जमा किया गया था।

मामला क्या है?

13 जून को सरकार ने CoWin वेबसाइट से वीवीआईपी सहित टीकाकरण वाले नागरिकों का व्यक्तिगत डेटा कथित तौर पर टेलीग्राम मैसेंजर चैनल के माध्यम से लीक होने के बाद डेटा उल्लंघन की जांच शुरू की थी। सरकार ने कहा कि CoWin वेबसाइट जो उन लोगों के सभी डेटा का भंडार है, जिन्हें कोविड-19 के बाद का टीका लगाया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा कि बॉट द्वारा एक्सेस किया जा रहा डेटा CoWin के अलावा अन्य डेटाबेस से पहले चुराए गए डेटा से भरा हुआ लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार CoWin पोर्टल की मौजूदा सुरक्षा प्रणालियों की समीक्षा कर रही है। ऐसा नहीं लगता है कि CoWin ऐप या डेटाबेस में सीधे तौर पर सेंध लगाई गई है।

डाटा लीक की वजह से 100 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं, जिन्होंने कोविन पोर्टल के जरिए साइन अप कर वैक्सीनेशन करवाया था। इसमें 12-14 वर्ष की आयु के 4 करोड़ से अधिक बच्चे और 45 वर्ष से अधिक आयु के 37 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हैं।