महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ अजित पवार ने कानूनी रूप से इजाजत मिले पशुओं के परिवहन को लेकर निजी व्यक्तियों की तरफ से पैदा हुई कानून व्यवस्था पर संज्ञान लिया है। उन्होंने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश देने को कहा है कि वे ऐसे व्यक्तियों को पशुओं के परिवहन वाले वाहनों की जांच करने से रोंके।
पवार ने कुरैशी समुदाय के एक डेलीगेशन से बुधवार को मीटिंग की थी। इसी के बाद यह निर्देश जारी किए गए हैं। डिप्टी सीएम के ऑफिस की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, पवार ने बैठक में कहा, ‘कुरैशी समुदाय पारंपरिक रूप से मीट ट्रेड से जुड़ा है और महाराष्ट्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा है। इसलिए इस समुदाय के व्यापारियों और पशु परिवहन करने वाले किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।’
डिप्टी सीएम को सौंपे गए ज्ञापन में कुरैशी समुदाय के डेलीगेशन ने अवैध गौरक्षकों पर बैन लगाने, कानूनी तरफ से इजाजत मिले हुए पशुओं के परिवहन के लिए सिक्योरिटी, झूठे मामलों को वापस लेने और ट्रांसपोर्ट लाइसेंस पर बैन को कम करने की मांग की।
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डेलीगेशन ने अजित पवार को लिखा पत्र
डेलीगेशन ने अवैध गौरक्षकों की तरफ से एनिमल ट्रेडर्स के उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए पवार को लिखे गए पत्र में कहा, ‘कुरैशी समुदाय के व्यापारियों और कानूनी रूप से इजाजत मिले हुए पशुओं का परिवहन करने वाले किसानों के खिलाफ हिंसक कृत्यों के कारण कई लोगों की जान चली गई है। समुदाय को मजबूरन हड़ताल का आह्वान करना पड़ रहा है। खरीदारों की कमी के कारण इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा। 2015 में गोहत्या पर प्रतिबंध के बाद से परिवहन पहले से ही सीमित है। अब, जारी कार्रवाई भैंसों जैसे पशुओं के कानूनी परिवहन को भी प्रभावित करेगी।’
पुलिस को ही वाहनों की जांच करनी चाहिए – संजय खोडके
इस मीटिंग में मौजूद एनसीपी के विधायक सना शेख ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि डेलीगेशन की मांग थी कि निजी व्यक्तियों को वाहनों की जांच करने की इजाजत ना दी जाए। संजय खोडके ने कहा कि कई असामाजिक तत्वों परेशान करना शुरू कर दिया है। खोडके ने कहा, ‘कानून के अनुसार केवल पुलिस को ही वाहनों की जांच करनी चाहिए। इस स्पष्टता के बावजूद यह समस्या बढ़ रही है और इससे निपटने की जरूरत है।’
पवार ने डीजीपी शुक्ला को सभी जिलों में एक सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘सर्कुलर में पुलिस अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा जाएगा कि किसी भी निजी व्यक्ति को पशुओं को ले जा रहे वाहनों की जाँच करने का कोई अधिकार न हो।’