कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए लॉकडाउन को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असफल बताया है। राहुल ने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह से फेल हो गया है। गांधी के इस बयान पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलटवार किया है। लेकिन इस दौरान जावड़ेकर कुछ ऐसा बोल गए जिसके चलते उन्हें ट्रोल होना पड़ा।
जावड़ेकर ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, “कोरोना के समय में भी कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है आज राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी का उदाहरण है। मैं उनको समझाना चाहता हूं जब लॉकडाउन लगा था तब 3 दिन में संक्रमण की संख्या डबल हो रही थी, अब 13 दिन में हो रही है ये भारत की सफलता है।”
जावड़ेकर के इस बयान पर यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा “ऐसे पागल लोगों को मिनिस्ट्र बना रखा है। जब 500 डबल चार घंन्टे में हो रहा है तो 1.40 लाख के डबल में टाईम तो लगेगा।” एक अन्य यूजर ने लिखा ” सफलता इतना मिली को लोग पैदल ही घर के लिए निकलने लगे और आप लोग घर दुबके रहे।” एक ने लिखा ” आपकी सफलतों के बारे में पूरा इंडिया समझने लग गए हैं। समय के साथ आपको परिणाम भी मिलेगा।”
Aapki safaltao k bare me poora India samjhne lag gya hai ab ,, samay k sath parinam bhi milega aapko apni safltao ka
— Gaurav Srivastav (@GauravS52223865) May 26, 2020
सफलता इतना मिली को लोग पैदल ही घर के लिए निकलने लगे और आप लोग घर दुबके रहे
— Fahad Abdullah (@fahad7869755) May 26, 2020
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि कांग्रेस दोमुंही बातें कर रही है और ऐसे वक्त में जब कोरोना संक्रमण को रोकने में दुनिया भारत के कदमों की तारीफ कर रही है, कांग्रेस पार्टी सिर्फ सरकार के फैसलों का आलोचना करती आ रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने आगे कहा कि जब लॉकडाउन लगा तब भी कांग्रेस ने विरोध किया और अब जब लॉकडाउन में छूट दी जा रही है तब भी कांग्रेस विरोध कर रही है तो ये जो कांग्रेस की नीति है ये दोगलापन है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबों एवं प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है और महिलाओं के बैंक खातों में 500-500 रुपए डाले गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 3000 से अधिक ट्रेनों से 45 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को घर वापस भेज दिया गया है और यह ऐतिहासिक है।