कोरोना के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। हालही में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। उन्होंने इसे असफल बताते हुए कहा था कि हमें इससे लड़ने के लिए बेहतर रणनीति बनानी होगी। गांधी के इस बयान के जवाब में सरकार व भाजपा नेताओं की तरफ से उनपर निशाना साधा जा रहा है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी राहुल पर वार किया है और उन पर हर समय राजनीतिक लाभ की बात करने का आरोप भी लगाया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा “सबसे पहले लॉकडाउन पंजाब, राजस्थान ने किया और अभी महाराष्ट्र, पंजाब ने लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया था। राहुल गांधी जी आप कहते हैं कि लॉकडाउन कोई हल नहीं है तो क्या आप अपने मुख्यमंत्रियों को नहीं समझाते हैं! या वो आपकी बात नहीं सुनते।” रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा “राहुल गांधी जी आप तो बार-बार हार जाते हैं और ये जो आपका लक्षण है आपकी पार्टी का भविष्य क्या होगा ये देश की जनता समझ रही है। लेकिन कभी तो ज़िम्मेदार बनिए, क्या देश में हर समय हम राजनीतिक लाभ की ही बात करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब से कोरोना की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति आई है, तब से राहुल गांधी देश के संकल्प को इस लड़ाई के मामले में कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। रविशंकर ने कहा “राहुल गांधी ने देश का संकल्प कैसे कमजोर करने की कोशिश की इसके पांच खंड बताता हूं। पहला- नकारात्मकता फैलाना, दूसरा- संकट के समय राष्ट्र के खिलाफ काम करना, तीसरा- झूठा श्रेय लेना, चौथा- कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं और पांचवां- गलत तथ्य और झूठी खबरें फैलाना।”
उन्होंने कहा कि गांधी ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों के टिकट को लेकर भी झूठे आरोप लगाए कि इसका पैसा लिया जा रहा है। सरकार ने बार-बार बताया कि मजदूरों से किराया नहीं लिया जा रहा है, टिकट के किराए में रेल मंत्रालय 85 फीसदी और राज्य सरकारें 15 फीसदी वहन कर रही हैं।
बता दें राहुल ने अपने बयान में कहा था कि यह आलोचना का वक्त नहीं है लिहाजा वह सरकार को रचनात्मक सुझाव दे रहे हैं। राहुल ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है, अगर हिंदुस्तान एक होकर लड़ा तो इस वायरस को हरा देंगे। अगर हम बंट गए तो वायरस जीत जाएगा, इसलिए सभी एकजुट हो। उन्होंने सरकार को टेस्टिंग बढ़ाने और गरीबों, किसानों व उद्योगों को प्रोटेक्शन देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन कोरोना वायरस का इलाज नहीं है।