COVID-19 Vaccination: देश में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला किया है कि और अधिक टीकों की खरीद नहीं की जाएगी। इसके साथ ही टीकाकरण के उद्देश्य से मंत्रालय को आवंटित किए गए 4,237 करोड़ रुपये भी वित्त मंत्रालय को वापस कर दिए गए हैं।
पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास कोरोना वैक्सीन की 1.8 करोड़ से अधिक डोज अभी भी उपलब्ध हैं, जो छह महीने तक टीकाकरण अभियान को जारी रखने के लिए पर्याप्त हैं। मंत्रालय का मानना है कि कोरोना के मामलों में कमी के कारण अब कोरोना टीकों की मांग कम हो गई है और अगर जरूरत पड़ती भी है तो बाजार में टीकों का स्टॉक उपलब्ध होगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “कोविड के टीकों की खरीद या 6 महीने बाद इस उद्देश्य के लिए बजट आवंटन उस समय देश में कोरोनो की स्थिति पर निर्भर करेगा।” आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत की 98 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड -19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली है, जबकि 92 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। इसके अलावा, 15 से 18 वर्ष की आयुवर्ग के लिए 3 जनवरी से शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के तहत 83.7 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक का टीका लगाया जा चुका है, जबकि 72 प्रतिशत को पहली और दूसरी दोनों खुराक मिली हैं।
12-14 वर्ष के आयु वर्ग में 87.3 प्रतिशत को पहली खुराक दी गई है जबकि 68.1 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। वहीं, 18 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की आबादी में से 27 प्रतिशत को अब तक प्रीकोशन डोज दी जा चुकी है। देश भर में टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया था, जिसमें पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया था। फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण पिछले साल 2 फरवरी से शुरू हुआ था और अगला चरण उसी साल 1 मार्च को शुरू किया गया, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया गया था।
इसके बाद 1 अप्रैल, 2021 से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ था। 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोविड का टीका लगाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत की गई। फिर 10 जनवरी से तीसरी खुराक यानी प्रीकॉशन डोज की शुरुआत हुई।