कोरोना वायरस की मार देश के हर सैक्टर में देखने को मिल रही है। अब तक लाखों लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं। अब इसकी चपेट में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) भी आ गया है। फरवरी के बाद से भारत में कोई मैच नहीं हुआ है ना ही भारतीय टीम ने कही कोई सीरीज खेली है। जिसके चलते दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने 11 कोच की छुट्टी कर दी है।
कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बीसीसीआई ने छँटनी करते हुए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के 11 कोचों की छुट्टी कर दी है। बीसीसीआई ने इन कोचों का अनुयाल कांट्रैक्ट रिन्यू नाहों किया है। हटाये गए कोचों में पाँच भारत के पूर्व खिलाड़ी -रमेश पोवार, एसएस दास, हृषिकेश कानिटकर, सुब्रतो बनर्जी और सुजीत सोमसुंदर शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने पिछले सप्ताह कोचों को उनकी सेवाओं की समाप्ति की जानकारी दी थी। द्रविड़ इस समय एनसीए के प्रमुख हैं और उन्होने ही कोचों की इस टीम को चुना था। हटाये गए कोचों में पूर्व भारतीय घरेलू खिलाड़ी सीतांशु कोटक का नाम भी शामिल है।
11 कोचों को एक महीने के अनुबंध पर नियोजित किया गया था, जो कि इस महीने समाप्त होने वाले हैं, 30-55 लाख रुपये तक के वेतन पर। और उनमें से कम से कम पांच ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि निर्णय लेने या “वास्तविक कारण” दिए जाने से पहले उन्हें सतर्क नहीं किया गया था।
सभी 11 कोचों को एक साल के कांट्रैक्ट में रखा गया था जो इस महीने के अंत में खत्म होने वाला है। सभी का वेतन 30-55 लाख रुपये के आस पास है। इन में से पांच कोचों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि निर्णय लेने से पहले उन्हें नहीं बताया गया ना ही इसके बीचे ही असली वजह पता है।
द्रविड़, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और बोर्ड सचिव जय शाह ने द इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब अबतक नहीं दिये हैं। एक कोच ने बताया “हमें दो दिन पहले राहुल (द्रविड़) का फोन आया और उसने हमें सूचित किया कि बीसीसीआई ने हमारे अनुबंध को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया है। हमें कोई वास्तविक कारण नहीं दिया गया था। द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमें बनाए रखने की पूरी कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हुआ। पिछले तीन महीनों से हम वेबिनार और नियोजन गतिविधियों में भाग ले रहे हैं और कोविद -19 के बाद की एक्टिविटी प्लान कर रहे हैं और अब अचानक हमें कहा जा रहा है कि अब हमारी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।”