देश में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना यहां हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने देशभर के पहले दौर के सीरो सर्वे (Sero Survey) के नतीजे जारी किए हैं। ICMR के पहले सर्वे में खुलासा हुए है कि मई की शुरुआत तक 0.73% वयस्क यानी 64,68,388 लोगों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने के अनुमान लगाए गए हैं।

सर्वेक्षण 11 मई से 4 जून के बीच आयोजित किया गया था। देश के 21 राज्यों के 70 जिलों से 28,000 व्यक्तियों को शामिल किया गया था। इन लोगों के रक्त के नमूनों का परीक्षण कोविड कवच एलिसा किट का उपयोग करके IgG एंटीबॉडी के लिए किया गया था। इस सर्वे को अधिकतर ग्रामीण इलाकों में किया गया और 18 साल से ऊपर के वयस्क लोगों का सैंपल लिया गया था। इस सर्वे में 181 यानी 25.9% शहरी इलाके थे। यह 4 स्तर पर किया गया था जिलों को कोरोना मामलों के आधार पर 4 श्रेणी में बांटा गया था।

जिलों को जीरो केस, कम केस, मध्यम केस और बहुत केस की श्रेणी में बांटा गया था। यह सर्वे उस समय के संक्रमण की स्थिति बताता है जब देश में लॉकडाउन था। सीरो सर्वे बताता है कि जिन जिलों में एक भी कोरोना मामला सामने नहीं आए थे। उन जिलों में भी सीरो सर्वे में संक्रमण की बात सामने आयी है।

सर्वे के मुताबिक जिन जिलों में केस नहीं थे या कम केस सामने आ रहे थे। वह इसलिए क्योंकि वहां टेस्टिंग भी कम हो रहीं थी। सर्वे के हिसाब से पॉजिटिविटी रेट ग्रामीण इलाकों में 69.4%, शहरी स्लम- 15.9% और शहरी नॉन-स्लम- 14.6% था। वहीं सबसे ज्यादा 18 से 45 साल की उम्र के लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक कुल सैंपल का 48.5% 18 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों का था। वहीं 46 से 60 साला के बीच 39.5% और 60 से ऊपर 17.2% लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे। मई की शुरुआत में ज़्यादातर जिलों में संक्रमण कम था। जिससे पता चलता है कि भारत इस महामारी के शुरुआती फेज में था और ज़्यादातर आबादी को संक्रमण का खतरा था।