दिल्ली की एक कोर्ट ने चुनाव आयोग और दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) को निर्देश दिया है कि वह स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता के दस्तावेज पेश करें। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी की शैक्षणिक योग्यता के संबंध में एक शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। आरोप है कि ईरानी ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी। जानबूझकर गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवार को जनप्रतिनिधित्व कानून और भारतीय दंड विधान के प्रावधानों के तहत सजा हो सकती है। हालांकि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने शिकायतकर्ता अहमर खान की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्‍होंने ईरानी के 10वीं कक्षा और 12वीं क्‍लास के रिकॉर्ड मंगाने की बात कही थी। कोर्ट ने सिर्फ ग्रेजुएशन के दस्‍तावेज पेश करने को कहा है।

क्‍या है यह ईरानी का डिग्री विवाद?

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में स्मृति चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ मैदान में उतरी थीं, तब उन्होंने नामांकन पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता बीए बताई थी और उनके मुताबिक ये डिग्री उन्होंने 1996 में पूरी की थी। जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरने समय शपथ पत्र में स्मृति ने अपनी एजुकेशन बीकॉम प्रथम वर्ष बताया है।

इस मुद्दे को लेकर टि्वटर पर #SmritiMadamDegreeDikhao ट्रेंड चल पड़ा है। अाइए देखते टि्वटर पर लोग कैसे ट्वीट कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्‍या में कांग्रेस के सपोर्टर शामिल हैं।

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