दिल्ली की एक अदालत ने एक पत्रकार के खिलाफ अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक करने पर दूसरे पत्रकार को जुर्माना देने का निर्देश दिया। अदालत ने सोमवार को एनडीटीवी की वरिष्ठ पत्रकार गार्गी रावत को निर्देश दिया कि वह अभिजीत अय्यर-मित्रा को 10,000 रुपये का भुगतान करें। कोर्ट ने यह फैसला इसलिए सुनाया क्योंकि गार्गी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक अपमानजनक पोस्ट को लाइक किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभिजीत पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था।
पटियाला हाउस कोर्ट के जिला न्यायाधीश सत्यब्रत पांडा ने सोमवार को एक आदेश में कहा, “हालांकि प्रतिवादी संख्या 2 (रावत) द्वारा ऑनलाइन पुनर्प्रकाशन और प्रसार एक गंभीर झूठा आरोप था, फिर भी मैं वादी के 20 लाख रुपये के दावे के मुकाबले वादी को कम से कम 10,000 रुपये का हर्जाना देना उचित समझता हूं।”
एक पत्रकार के खिलाफ दूसरे पत्रकार ने किया था मानहानि का मुकदमा
अदालत ने कहा, “उपर्युक्त चर्चा के मद्देनजर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी संख्या 2 (गार्गी रावत) द्वारा मूल मानहानिकारक ट्वीट को लाइक करने का कार्य रीपब्लिकेशन के बराबर है, ऐसे में प्रतिवादी संख्या 2 मानहानि के लिए उत्तरदायी है।”
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अभिजीत मित्रा द्वारा गार्गी रावत और वकील दुष्यंत अरोड़ा के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत ने आगे कहा, “यह भी निर्देश दिया जाता है कि अगर विवादित ट्वीट अभी भी ट्विटर/एक्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिवादी संख्या 2 की प्रोफ़ाइल या टाइमलाइन पर दिखाई दे रहा है तो उसे स्थायी रूप से हटा दिया जाए।”
अदालत के तर्क के अनुसार, पोस्ट को लाइक करने से रावत की प्रोफ़ाइल में यह हाइलाइट हो गया जिसका मतलब था कि इसका और अधिक प्रसार हुआ। अदालत ने कहा, “प्रतिवादी संख्या 2 (गार्गी रावत) अपने क्षेत्र और मीडिया में एक जानी-मानी हस्ती हैं। इस प्रकार, मूल ट्वीट को लाइक करने से प्रतिवादी संख्या 2 ने यह सुनिश्चित किया कि मूल ट्वीट का प्रसार व्यापक दर्शकों तक हो।” अदालत ने आगे कहा, इस प्रकार वर्तमान मामले में संबंधित ट्वीट को लाइक करना केवल संबंधित ट्वीट के संदर्भ का मामला नहीं था बल्कि प्रतिवादी संख्या 2 द्वारा ऑनलाइन दर्शकों को दिखाने का एक तरीका था।