अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्थानों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। देश में चार वर्षों में तकनीकी संस्थानों की संख्या में करीब 25 फीसद की कमी हुई है। एआइसीटीई की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक देश में 2019-20 में मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों की संख्या 10,974 थी जो 2023-24 तक घटकर 8,264 रह गई है। यानी इन चार वर्षों में 2,710 तकनीकी संस्थानों की कमी हुई है जो करीब 25 फीसद होता है।

एआइसीटीई ने कुछ सालों में नए संस्थानों को खोलने की कम अनुमति दी

देश में तकनीकी संस्थानों में लगातार कमी हो रही है। 2020-21 में तकनीकी संस्थानों की संख्या 9,650, 2021-22 में 8,997 और 2022-23 में तकनीकी संस्थानों की संख्या 8,925 थी। एआइसीटीई ने पिछले कुछ सालों में नए तकनीकी संस्थानों को खोलने की कम अनुमति दी है। एआइसीटीई ने देश में 2019-20 में 950 नए संस्थानों का मान्यता दी थी। उसके बाद से मान्यता देने में बहुत कमी हुई है। परिषद ने 2020-21 में 224 तकनीकी संस्थानों को मान्यता दी। इसी तरह 2021-22 में 195, 2022-23 में 143 और 2023-24 में 211 नए तकनीकी संस्थानों को खोलने के लिए मंजूरी दी।

तकनीकी संस्थानों में दाखिले की बात करें तो देश में 72 फीसद से अधिक विद्यार्थी निजी तकनीकी संस्थानों में पढ़ते हैं। वहीं, सरकारी तकनीकी संस्थानों में केवल 15 फीसद विद्यार्थियों को दाखिला मिला हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि देश में तकनीकी संस्थानों के घटने की वजह यह है कि वर्तमान में जितनी सीटें हैं वही नहीं भर पा रही हैं। पिछले कुछ सालों से लगातार उपलब्ध सीटों से बहुत कम पर दाखिले हो रहे हैं। साल 2017-18 में 3.55 लाख सीटें उपलब्ध थीं जिनमें से 1.89 लाख सीटों पर ही दाखिला हुआ।

इसी तरह 2018-19 में 3.39 लाख सीटों में से 1.85 लाख पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। 2019-20 में 3.28 लाख सीटों में से 1.87 लाख पर, 2020-21 में 3.08 लाख सीटों में से 1.71 लाख पर, 2021-22 में 2.97 लाख सीटों में से 1.91 लाख पर और 2022-23 में 3.01 लाख उपलब्ध सीटों में से 2.11 लाख सीटों पर दाखिला हुआ।