रेलवे ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में करोड़ों रुपये के बेड-रोल चोरी होने के आरोप लगाए थे। तब गायब हुए सामान का शक यात्रियों पर किया गया, लेकिन अब ऐसा वाकया सामने आया है, जिसने रेलवे के दावे का पूरा पहलू ही बदलकर रख दिया है। अब जो हकीकत सामने आई है उसमें यात्री नहीं बल्कि असल गुनहगार कोच अटेंडेंट हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एसी कोच में मिलने वाला कंबल उसके अटेंडेंट ही चोरी करके बेच रहे हैं। एक कंबल 400 रुपये में खुलेआम बेचा जा रहा है। इससे पहले रेल महकमा का कहना था कि वातानुकूलित (एसी) कोच से 14 करोड़ रुपये के चादर, कंबल और तकिया जैसे सामान चोरी हो गए।
भास्कर के मुताबिक उसने 9 से 12 दिसंबर के बीच सरयू-यमुना, रांची- जयनगर और टाटा-छपरा एक्सप्रेस में पड़ताल की। इस दौरान एसी कोच के अटेंडेंट महज 400 रुपये में कंबल बेचते हुए बेनकाब हुए। रिपोर्ट के मुताबिक सरयू-यमुना एक्सप्रेस के कोच अटेंडेंट ने 8 सौ रुपये में दो कंबल दे दिए। जबकि टाटा-छपरा के अटेंडेंट ने 1000 रुपये में तीन कंबल बेच डाले। रांची-जयनगर एक्सप्रेस के अटेंडेंट ने 2400 रुपये में 6 कंबल दिए।
गौरतलब है कि इससे पहले रेलवे ने 2017-18 के दौरान ट्रेनों के एसी डब्बों से लाखों तौलियां, चादर और कंबल गायब होने की बात कही थी। इनमें 46,515 कंबल, 4,71,007 चादर और 2,14,952 तकिया गायब होने का दावा किया गया। रेलवे ने इसके अलावा शौचालयों के मग, शीशे और यहां तक कि फ्लश-पाइप गायब होने की बात कही थी। उस दौरान रेल अधिकारियों ने इसका शक यात्रियों पर जाहिर किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने यह आरोप कोच अटेंडेंट्स के हवाले से लगाए थे। तब कोच सहायकों ने अपने अधिकारियों को बताया था कि यात्रा पूरी करने के बाद यात्री कंबल, चादर और तौलिया चुराकर ले जाते हैं।

