– श्यामलाल यादव
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स फंड) में बॉलीवुड से लेकर उद्योगपति तक सभी ने डोनेशन दिया है। मुकेश अंबानी की रिलायंस ने इसमें 500 करोड़ रुपये दान किए हैं। वहीं बैंकों में सबसे ज्यादा दान आईसीआईसीआई बैंक ने किया है।
पीएम केयर में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 500 करोड़, टाटा समूह से 500 करोड़, आदित्य बिड़ला ग्रुप से 400 और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 100 करोड़ रुपये दिये हैं। वहीं निजी क्षेत्र की तीन प्रमुख बैंकों ने 175 करोड़ दान किए हैं। बैंकों की बात करें तो आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे ज्यादा 80 करोड़ रुपये का दान किया। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक ने 70 करोड़ और कोटक महिंद्रा ने 25 करोड़ रुपये दिये हैं। वहीं येस बैंक ने भी 10 करोड़ रुपये और अपने कर्मचारियों के एक दिन के वेतन अतिरिक्त 1.9 करोड़ रुपये ओएम केयर फंड में दिये।
हालांकि येस बैंक पतन के कगार पर था, लेकिन आरबीआई की मदद से बैंक का काम-काज वापस पटरी पर लौट आया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पीएम केयर्स फंड को ‘राज्य’ घोषित करने की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को 23 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
कोर्ट ने कहा कि वह ‘प्रधानमंत्री के आपात स्थिति में नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम केयर्स फंड) के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए इसे संविधान के तहत ‘राज्य’ घोषित करने की याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि वह इस याचिका पर इन्हीं याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल एक अन्य लंबित याचिका के साथ सुनवाई करेंगे जिसमें पीएम केयर्स को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकार’ घोषित करने की मांग की गयी है।
याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के माध्यम से पीएम केयर्स फंड को संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत ‘राज्य’ घोषित करने की मांग की है। उन्होंने यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि पीएम केयर्स की वेबसाइट पर समय-समय पर इसकी ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएं।